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उत्तराखंड: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की कवायद तेज, जानिए क्या होंगे बदलाव - New national education policy implemented in Uttarakhand

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को लेकर मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी का गठन किए जाने का निर्णय लिया है.

New national education policy
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की कवायद तेज

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Published : Nov 4, 2020, 10:19 PM IST

देहरादून: भारत सरकार ने देश में शिक्षा को बेहतर और गुणवत्ता युक्त बनाने को लेकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है. जिसे देश के तमाम राज्य अपने राज्य के परिस्थितियों के अनुसार लागू कर रहे हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों ने अपने राज्य में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन कर दिया है. इसी क्रम में बुधवार को उत्तराखंड सरकार की मंत्रिमंडल की बैठक में इस नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए स्टीयरिंग कमेटी और उच्च स्तर पर टास्क फोर्स के गठन को मंजूरी दे दी गई है.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को लेकर मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमेटी का गठन किए जाने का निर्णय लिया है. स्टीयरिंग कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव, विशेषज्ञ और स्टेकहोल्डर्स को भी शामिल किया जाएगा.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने की कवायद तेज.

इसके साथ ही इस नीति के क्रियान्वयन को लेकर उच्च स्तर पर एक टास्क फोर्स का भी गठन किया जाएगा. जिसमें विद्यालयी शिक्षा मंत्री को अध्यक्ष और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री उपाध्यक्ष होंगे. इसके साथ ही राज्य सरकार संबंधित स्टेकहोल्डर्स और शिक्षाविदों को भी टास्क फोर्स में शामिल किया जाएगा.

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नई शिक्षा नीति के लिए तमाम बिन्दुओं पर किया गया फोकस

  • राज्याधीन महाविद्यालयों को स्वायतशासी बनाने हेतु चिह्नीकरण किया जाएगा.
  • राजकीय महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय बनाने हेतु चिह्नीकरण किया जाएगा.
  • नये विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए योजना बनाई जाएगी.
  • प्रत्येक जनपद में समावेशी विश्वविद्यालय की स्थापना किया जानी है.
  • नई शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम निर्धारित किया जाएगा.
  • महाविद्यालय/विश्वविद्यालयों को Multidisciplinary Education System आधारित बनाया जाएगा तथा इनमें Credit Based System लागू किया जाएगा.
  • बाल्यावस्था शिक्षा को स्कूल शिक्षा के साथ एकीकृत किया जाना है.
  • व्यावहारिक रीति से शिक्षण संस्थाओं के समूहों को Complex में परिवर्तित कर, सभी बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति किया जाना है.
  • राज्य की वर्तमान वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए न्यूनतम व्यय /मितव्ययिता के सिद्धान्त के आधार पर वर्तमान आधारभूत संरचना (Insfrastructure) में ही सुधार करते हुए उक्त नीति का अधिक से अधिक क्रियान्यवन सुनिश्चित किया जाना है.
  • यदि इस हेतु बाह्य सहायता की आवश्यकता पडती है तो सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों को अनुदान के लिए प्रेरित किया जाना है.

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