देहरादूनः स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत राजधानी देहरादून में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों ने अब जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. इसी के तहत हैदराबाद से देहरादून पहुंची प्रोटो इलेक्ट्रिक बस का आज से ट्रायल रन शुरू किया जा रहा है. आज सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत स्मार्ट सिटी लिमिटेड की प्रोटो इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर ट्रायल रन के लिए रवाना करेंगे.
इलेक्ट्रिक बस के ट्रायल पर जानकारी देते जिलाधिकारी. मीडिया से मुखातिब होते हुए देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सीईओ डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस परियोजना के तहत देहरादून शहर में आने वाले समय में 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाना है. ऐसे में इस प्रोटो इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन सफल होने पर दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह तक देहरादून शहर के अलग-अलग रूटों पर 11 स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा.
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बता दें की इस स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस की कई खासियतें हैं. एक तरफ ये पूरी तरह से इलेक्ट्रिसिटी से चलती है. यानी कि बिजली से चलती है. इनके संचालन से वायु प्रदूषण नहीं होता. दूसरी तरफ इन बसों में यात्रियों के लिए आरामदायक सीट लगाई गई हैं. ये बसें पूरी तरह से वातानुकूल हैं.
इसके अलावा स्मार्ट इलेक्ट्रिक बस में तीन भाषाओं में आप स्टॉपेज के नाम पढ़ सकेंगे. इसमें हिंदी, अंग्रेजी और गढ़वाली भाषा शामिल है. वहीं, दूसरी तरफ इस बस के ड्राइवर और कंडक्टर आपको पहाड़ी वेशभूषा में नजर आएंगे.
इलेक्ट्रिक बस की खासियत
- इन बसों से प्रदूषण में कमी आएगी
- डीजल की बचत होगी और परिचालन खर्च में भी कमी आएगी
- एक बस के प्रति 100 किमी चलने पर लगभग 17 से 18 लीटर डीजल की खपत होती है
- बस दिनभर में 150 किमी से ज्यादा की दूरी तय करती है
75 मिनट की चार्जिंग और टेंशन फ्री
- एक इलेक्ट्रिक बस 75 मिनट की चार्जिंग पर 220 किमी तक चल सकेगी
- एक डीजल बस की तुलना में एक किमी पर 25 रुपए कम खर्च होंगे
- एक इलेक्ट्रिक बस के संचालन पर प्रति किमी 55 रुपए 26 पैसे का खर्च आएगा
- इसकी अपेक्षा एक डीजल बस पर प्रति किमी 70 से 80 रुपए खर्च आ रहा है
प्रदूषण कम होगा
- इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण काफी कम होगा
- अभी चल रही डीजल बसों से हाइड्रोकार्बन का ज्यादा उत्सर्जन होता है
- इस बसों से हो रहे वायु प्रदूषण से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है
- इलेक्ट्रिक बसों से हवा में हाइड्रोकार्बन पर नियंत्रण किया जा सकेगा
भविष्य का ट्रांसपोर्ट हैं इलेक्ट्रिक बसें
- इस बस की क्षमता 35 से लेकर 65 यात्रियों तक की है
- एक बार चार्ज होने के बाद, मानक परिस्थितियों में यह 150 किलोमीटर तक चल सकती है
- बस की अधिकतम स्पीड 75 किलोमीटर प्रति घंटे की है
- इस बस की लागत 1.50 करोड़ रुपये से 3.50 करोड़ रुपये के बीच होगी
- सर्किट बसों का विनिर्माण कंपनी के स्वामित्व वाले सभी सातों विनिर्माण इकाइयों में हो सकता है
- यह वाहन भारत में ईंधन के आयात पर आने वाले आठ लाख करोड़ के बिल को कम करने की सरकारी पहल में मददगार साबित हो सकता है
- यह आसान, मास-मार्केट प्लेटफॉर्म पर तैयार किया गया है, जिससे परिचालक मामूली परिचालन एवं मेंटनेंस खर्च पर शहर के ग्राहकों को सेवा उपलब्ध करा सकते हैं