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कोरोना से मरने वाले आंकड़ों में 'खेल', देरी से दी गई 83 मौतों की जानकारी

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Published : May 19, 2021, 10:11 PM IST

प्रदेश में निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों की मौत को लेकर लगातार असंवेदनशीलता दिख रहे हैं. राज्य में दर्जनों निजी हॉस्पिटल ऐसे हैं, जिन्होंने एक दो नहीं बल्कि कई मरीजों के मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देरी से दी है.

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देहरादून: उत्तराखंड में अभी भी प्राइवेट अस्पताल कोरोना से मरने वालों का सही आंकड़ा नहीं दे रहे हैं. मौत के आंकड़ों को लेकर प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से लगातार लापरवाही बरती जा रही है. बुधवार को भी ऐसा ही हुआ. कई जिलों के प्राइवेट हॉस्पिटलों ने अप्रैल और मई में कोरोना संक्रमण से मरने वाले 83 मरीजों की जानकारी बुधवार को स्वास्थ्य विभाग को दी.

प्राइवेट हॉस्पिटलों की ये लापरवाही तब है, जब प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों को इस बारे में पहले ही चेतावनी दे चुका है. बावजूद इसके प्राइवेट हॉस्पिटलों की तरफ से कोरोना की मौत के आंकड़ों के साथ लुकाछिपी का खेल खेला जा रहा है.

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प्रदेश में निजी अस्पताल कोरोना के मरीजों की मौत को लेकर लगातार असंवेदनशीलता दिख रहे हैं. राज्य में दर्जनों निजी हॉस्पिटल ऐसे है, राज्य में दर्जनों निजी हॉस्पिटल ऐसे हैं, जिन्होंने एक दो नहीं बल्कि कई मरीजों के मौत की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देरी से दी है. बुधवार को भी ऐसा ही हुआ. कई अस्पतालों में 83 मरीजों के मौत की जानकारी काफी देर से दी.

इन हॉस्पिटलों ने दी देरी से दी जानकारी

  • देहरादून के सीएमआई हॉस्पिटल में अप्रैल और मई में चार लोगों की मौत हुई थी, जिसकी जानकारी 19 मई को दी गई.
  • वहीं दून मेडिकल कॉलेज में 7 मई को कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई थी, जिसकी जानकारी 12 दिन बाद दी गई.
  • हिमालयन अस्पताल में 7 मई से लेकर 16 मई को बीच 8 मरीजों की मौत हुई थी. ये आंकड़ा भी विभाग को देरी से दिया गया.
  • कनिष्क हॉस्पिटल ने भी 15 मई को हुई मौत की जानकारी देरी से दी गई.
  • लेमन हॉस्पिटल में चार मौत की सूचना समय से नहीं दी गई.
  • एसएमआई हॉस्पिटल में एक मौत की जानकारी छिपाई गई.
  • सिनर्जी हॉस्पिटल में नौ लोगों को मरने की सूचना देरी से दी गई.
  • वेल्मेड अस्पताल में 2 मरीजों की मौत के आंकड़ों को देरी से बताया गया.
  • हरिद्वार के आरोग्य अस्पताल में 4 मरीजों की मौत की सूचना देरी से दी गई.
  • बीएचईएल अस्पताल में अप्रैल और मई में कुल 6 मौते हुईं, जिसकी जानकारी नहीं दी गई थी.
  • जया मैक्सवेल हॉस्पिटल में 11 मरीजों की मौत की सूचना देरी से दी गई.
  • आरके मिशन हॉस्पिटल में 11 मरीजों की मौत की सूचना देरी से दी गई.
  • विनय विशाल हॉस्पिटल रुड़की में 4 मरीजों की मौत के आंकड़ों को देरी से स्वास्थ्य विभाग को दिया गया.
  • नैनीताल जिले में एसके नर्सिंग होम की तरफ से 2 मरीजों की जानकारी देरी से दी गई है.
  • पिथौरागढ़ जिले में डीएसपी तारागढ़ की तरफ से 8 मरीजों की जानकारियों को देरी से साझा किया गया.
  • उधर उधम सिंह नगर के संजीवनी हॉस्पिटल काशीपुर की तरफ से एक और द मेडिसिटी हॉस्पिटल रुद्रपुर की तरफ से एक मरीज की मौत को देरी से बताया गया.
  • डिस्ट्रिक हॉस्पिटल उत्तरकाशी की तरफ से 6 मरीजों की मौत को देरी से बताया गया है.

खास बात यह है कि न केवल निजी अस्पतालों बल्कि सरकारी हॉस्पिटलों से तरफ से भी इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है. इस हालात में अब विभाग के बड़े अधिकारियों के निर्देश सवालों के घेरे में है, जिसमें ऐसा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी.

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