देहरादून: उत्तराखंड में निजी अस्पताल और हेल्थ सेंटर मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. आयुष्मान योजना की मॉनिटरिंग करने वाली स्टेट हेल्थ एजेंसी ने निजी अस्पतालों की ऐसी ही गड़बड़ियों को पकड़ा है. वहीं, मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखंड भी लगातार ऐसे चिकित्सकों पर नकेल कसने में जुटा हुआ है. स्वास्थ्य से जुड़े दोनों ही एजेंसियों ने ऐसे चिकित्सकों और चिकित्सालय को नोटिस भी जारी किया है.
प्रदेश में निजी अस्पताल किस तरह मरीजों से मोटी रकम वसूलने का काम करते हैं, इसका उदाहरण स्टेट हेल्थ एजेंसी के पास मौजूद वो डाटा है, जिसमें निजी अस्पतालों की तरफ से की गई अनियमितताओं की पूरी डिटेल मौजूद है. उधर राज्य में चिकित्सकों से जुड़े नीति नियमों पर निगरानी रखने वाले मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखंड में भी ऐसे चिकित्सकों को चिन्हित किया है, जो मरीजों को भ्रमित करने का काम करते हैं.
बात अगर मेडिकल काउंसिल ऑफ उत्तराखंड की करें तो काउंसिल की तरफ से अब तक 30 से ज्यादा चिकित्सकों को नोटिस देकर उनसे जवाब मांगा गया है. दरअसल, राज्य में चिकित्सकों के कामकाज को लेकर प्रोफेशनल कंडक्ट एटीट्यूड एंड एथिक्स रेगुलेशन 2002 के तहत यह नोटिस दिए गए हैं, जिसमें निगरानी रखने वाली कमेटी ने पाया कि कई चिकित्सकों द्वारा अपनी विशेषज्ञता के साथ ऐसे कई दावे किए गए हैं, जो उनकी मेडिकल स्पेशलिस्ट लिस्ट से बाहर है.