देहरादून:कोरोना संकटकाल में लगाई गई पूर्ण लॉकडाउन के दौरान शहर के उन स्ट्रीट वेंडर्स को खासा नुकसान हुआ है जो सड़क किनारे ठेली में चाय , फास्ट फूड और सब्जियां बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर किया करते थे. ऐसे में इन स्ट्रीट वेंडर्स को कोरोना संकट काल में हुए नुकसान से उबारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना शुरू की गई है. आइये जानें इसके बारे में...
बता दें कि प्रदेश की राजधानी देहरादून में नगर निगम प्रशासन की ओर से साल 2016 में स्ट्रीट वेंडर्स का पंजीकरण किया गया था. इस दौरान शहर भर में 2758 स्ट्रीट वेंडर्स पंजीकृत किए गए थे, ऐसे में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत यह सभी स्ट्रीट वेंडर्स चौकी पंजीकृत हैं. वह अपनी जरूरत के अनुसार सीएससी के माध्यम से आवेदन कर 10 हजार रुपए तक का लोन लेने के लिए पात्र हैं.
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ईटीवी भारत के साथ बात करते हुए नगर निगम देहरादून के सिटी मैनेजर विजय पाल सिंह ने बताया कि नगर निगम की ओर से साल 2016 के बाद से स्ट्रीट वेंडर्स के लिए पंजीकरण अभियान नहीं चलाया गया है. लेकिन प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स को मिले इस बात का ध्यान रखते हुए नगर निगम प्रशासन उन सभी स्ट्रीट वेंडर्स को पंजीकरण करने का मौका दे रहा है, जो 24 मार्च 2020 से पहले से शहर में फल सब्जियों की ठेली, रेहड़ी लगाकर या फास्ट फूड का ठेला लगाकर अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं.
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