देहरादून:चारोंधामों के तीर्थ-पुरोहितों के आगे आखिरकार धामी सरकार झुकना ही पड़ा और देवास्थानम बोर्ड को भंग कर दिया. देवास्थानम बोर्ड भंग होने के बाद गुरुवार को चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहुकूकधारी महापंचायत ने देहरादून में बैठक आयोजित की. इस बैठक में देवस्थानम बोर्ड को भंग किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे तीर्थ-पुरोहितों के ऊपर लगाए गए मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग उठाई गई.
बैठक महापंचायत के संरक्षक अनिरुद्ध उनियाल ने अध्यतक्षता में हुई. इस दौरान बैठक में राज्य सरकार से 4 तीर्थ-पुरोहितों पर विधानसभा घेराव के दौरान दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने की मांग उठाई गई. हालांकि आंदोलन में सहयोग देने के लिए महापंचायत की ओर से सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और धार्मिक संगठनों का आभार व्यक्त किया गया है.
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इस मामले में चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता डॉक्टर बृजेश सती ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा देवस्थानम प्रबंधन एक्ट वापस लिए जाने का चारोंधामों के तीर्थ पुरोहित भाजपा सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं. लेकिन विधानसभा घेराव के दिन 4 तीर्थ पुरोहितों पर शासन की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया था. ऐसे में बैठक में मौजूद तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से यह मांग उठाई है कि इन चार तीर्थ पुरोहितों पर दर्ज हुआ मुकदमा यथाशीघ्र वापस लिए जाएं.
बैठक में यमुनोत्री के पुरोहित महासभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल, ब्रह्म कपाल पंचायत समिति बद्रीनाथ धाम के अध्यक्ष उमेश सती, यमुनोत्री मंदिर समिति के पूर्व कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल, गंगोत्री मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष संजीव सेमवाल आदि मौजूद रहे.