देहरादूनः चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड को लेकर दायर की गई याचिका पर नैनीताल हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और चार धामों के तीर्थ पुरोहित व हक-हकूकधारी अब सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का माना है कि अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. उधर, कांग्रेस ने खुद को न्यायालय से दूर बताते हुए सत्ता में काबिज होने के बाद देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड को भंग करने की बात कही है.
बता दें कि राज्य सरकार ने चारधामों समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को शामिल करते हुए चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड का गठन किया है. जिसमें चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने और श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाओं की कमान सरकार के हाथों में होगी, लेकिन देवस्थानम् बोर्ड का विरोध जारी है. हालांकि, इन्हीं विरोध के चलते बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने देवस्थानम् बोर्ड को असंवैधानिक बताते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने देवस्थानम् बोर्ड पर दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
ये भी पढ़ेंःबना रहेगा देवस्थानम् बोर्ड, नैनीताल हाईकोर्ट ने स्वामी की याचिका की खारिज
ऐसे में अब सुब्रमण्यम स्वामी और बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का ही रास्ता बचा है. जहां एक ओर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है तो वहीं, तीर्थ पुरोहित भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हैं.
डिमरी पंचायत समाज के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि राज्य सरकार ने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का बिना मन जाने देवस्थानम् बोर्ड को पारित किया था. जो आज एक्ट के रूप में प्रभावी है. हालांकि, इस मामले में हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है. अब हाई कोर्ट के जजमेंट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. साथ ही बताया कि सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बात को भी स्पष्ट कर दिया है कि हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.