देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया संपन्न होने के बाद परिणामों का इंतजार किया जा रहा है. ऐसे में प्रदेश में वोटिंग प्रतिशत में हुए इजाफे के लिहाज से तमाम राजनीतिक दल अपनी-अपनी बढ़त को लेकर आकलन कर रहे हैं. राजनीतिक दलों की मत प्रतिशत को लेकर यह गंभीरता इसलिए भी है क्योंकि उत्तराखंड में 1% पर ही कई बार नतीजे बदल जाते हैं. राज्य गठन के बाद सूबे में 4 लोकसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. इसमें से बीते तीन लोकसभा चुनाव में बेहद कम अंतर से बीजेपी और कांग्रेस में मुकाबला देखा गया है. कब-कब सूबे में हुआ बड़ा फेरबदल, देखिए खास रिपोर्ट...
राज्य का पहला लोकसभा चुनाव साल 2004 में हुआ था. इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी. ऐसे में चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस पहले से ही काफी आश्वस्त दिख रही थी. लेकिन जब रिजल्ट आया तो बीजेपी से महज 3% कम वोट पाने वाली कांग्रेस 5 में से 1 सीट पर काबिज हो पाई. जबकि बीजेपी के हिस्से तीन और एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीती. आंकड़ों पर गौर करें तो 2004 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 41% वोट शेयर मिला. यानी कुल 10,95,316 वोट मिले. जबकि, कांग्रेस को 38.3 यानी 10,24,062 वोट मिले. इसी तरह समाजवादी पार्टी के खाते में 7.9 यानी 21,2,085 वोट आए. इसी तरह बीएसपी को 6.8% यानी कुल 180885 वोट और यूकेडी 1.6 प्रतिशत में ही सिमट गई.