देहरादून:उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर मिली हार को लेकर भले ही उत्तराखंड कांग्रेस के नेता मौन हों, लेकिन हरीश रावत के इस्तीफे से संगठन के अन्य पदाधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है. उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों की हार के लिए संगठन की कमजोरी को एक बड़ी वजह माना जा रहा है, बावजूद इसके अब तक इस हार के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था. ऐसे में हरीश रावत के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने की खबर के सामने आने के बाद प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है.
दरअसल, उत्तराखंड में हरीश रावत एक अलग धड़े के रूप में दिखाई देते रहे हैं, जबकि इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह मंच साझा करते हैं. नैनीताल सीट पर खुद हरीश रावत ने चुनाव लड़ा और उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद हरदा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है.