देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी जिलों में लगातार वाहनों के बढ़ती संख्या के मद्देनजर साल दर साल ट्रैफिक व्यवस्था जी का जंजाल बनती जा रही है. इसी के मद्देनजर राज्य के 4 जिलों में ट्रैफिक संसाधनों और इंफोर्समेंट को बढ़ाने के के लिये कंट्रोल रूम खोलने की तैयारी है.
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने की तैयारी. उत्तरकाशी, कोटद्वार, काठगोदाम और ऋषिकेश के तपोवन में ट्रैफिक कंट्रोल रूम संचालित करने की प्रक्रिया चल रही है. ताकि इन जिलों में तमाम तरह के सीसीटीवी, रेड लाइट, सड़क दुर्घटना को रोकने वाले उपकरण जैसे संसाधनों का कंट्रोल एक ही स्थान से करते हुए यातायात व्यवस्था को सुरक्षित बनाया जा सकें. वहीं इंफोर्समेंट बढ़ाने की दिशा में एक अरसे बाद अब उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस ने नई भर्तियां की तैयारियां जोरों पर है. गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRND) के मानकों के हिसाब से अब उत्तराखंड ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए मैनपावर, इंफोर्समेंट और संसाधनों को बढ़ाने की दिशा में पहल तेज हो गई है.
200 से अधिक हर वर्ष सीसीटीवी लगाने का लक्ष्य
उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों के पर्यटक स्थलों में भारी संख्या में यातायात का बोझ बढ़ने के चलते साल दर साल सड़क दुर्घटनाओं के मामले चिंताजनक बने हुए हैं. इसी को देखते हुये BPRND के मानकों के अनुसार, राज्य के चारधाम यात्रा मार्गों के साथ-साथ पर्यटन वाले यातायात क्षेत्र पर प्रतिवर्ष 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों सहित सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तमाम तरह के उपकरण लगाने की कवायद तेज है. वर्तमान समय में 600 से अधिक मुख्य पर्यटन और यातायात वाले स्थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाए जा चुके हैं.
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संसाधन और मैनपावर बढ़ना जरूरी
इस मामले में उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय डीआईजी केवल खुराना ने बताया कि राज्य में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में जहां एक तरफ 350 से अधिक ट्रैफिक पुलिस जवानों की अलग से भर्ती की कवायद तेजी से आगे बढ़ रही है. वहीं इंफोर्समेंट की दिशा में कोटद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी और काठगोदाम जैसे शहरों में ट्रैफिक कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है ताकि सड़क यातायात को बेहतर बनाने और हादसों पर लगाम लगाने वाले उपकरणों और संसाधनों को एक जगह से कंट्रोल कर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके.