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मसूरी में प्लास्टिक पैकेजिंग पर QR Code सिस्टम लागू करने की तैयारी, लोगों ने किया विरोध - मसूरी में प्लास्टिक वेस्ट

मसूरी में प्लास्टिक वेस्ट से निपटने के लिए क्यूआर कोड सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए आज एक बैठक की गई. बैठक में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन, मसूरी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, मसूरी होटल एसोसिएशन के साथ ही कई संस्थाओं ने भाग लिया. इनमें से अधिकतर ने इस योजना का विरोध किया.

Mussoorie QR code
प्लास्टिक पैकेजिंग पर QR Code सिस्टम

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Published : Jul 3, 2023, 8:14 PM IST

मसूरी:पहाड़ों की रानी मसूरी में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में यहां बहुतायत मात्रा में प्लास्टिक वेस्ट भी पहुंचता है. जिससे निपटना एक बड़ी चुनौती है. इसी चुनौती से निपटने के लिए मसूरी में प्लास्टिक की बोतलों और पैकेजिंग वाले सामानों पर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी की जा रही है. क्यूआर कोड के बाद मसूरी में डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम लागू किया जाएगा. वहीं, इसे लेकर ट्रेडर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स विरोध में उतर आये हैं.

नैनीताल हाईकोर्ट ने केदारनाथ की तर्ज पर पूरे उत्तराखंड में प्लास्टिक की बोतलों और प्लास्टिक पैकेजिंग वाले सामानों पर क्यूआर कोड लगाकर डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम लागू करने के निर्देश दिये हैं. जिसे मसूरी नगर पालिका ने लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है. आज नगर पालिका परिषद के सभागार में अधिशासी अधिकारी राजवीर चौहान के नेतृत्व में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन, मसूरी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन, मसूरी होटल एसोसिएशन, के साथ कई संस्थाओं के साथ बैठक की गई. जिसमें डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम के बारे में चर्चा की गई. जिसमें व्यापारियों और डिस्ट्रीब्यूटरों के सुझाव लिये. इस बैठक में ज्यादातर लोगों ने डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम का विरोध किया. उन्होंने कहा मसूरी में डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम लागू करना चुनौती है. क्यूआर कोड को हर बोतलों में लगाना आसन प्रक्रिया नहीं है.

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मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा योजना में कई खामियां देखी जा रही हैं.जनता इस सिस्टम को लागू करने के लिये तैयार नहीं है. उन्होंने कहा किसी भी सामान की एमआरपी से ज्यादा कोई भी दुकानदार ग्राहक से नहीं वसूल सकता है. क्यूआर कोड सिस्टम लागू करने के लिये ग्राहक से एमआरपी से ज्यादा पैसा वसूलने की बात कही जा रही है. उन्होंने कहा नगर पालिका ने 2010 में पर्यटकों से मसूरी में साफ सफाई और पर्यावरण संरक्षण किये जाने को लेकर कोलूखेत में ईको शुल्क वसूला जाता है, मगर वहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है.

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अधिशासी अधिकारी राजवीर चौहान ने कहा उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद उत्तराखंड में प्लास्टिक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है. इसी क्रम में प्लास्टिक की बोतलों और प्लास्टिक पैकेजिंग वाले सामानों में क्यूआर कोड को लगाए जाने हैं. इसको लेकर लगातार कार्य योजना बनाई जा रही है. वहीं, सभी स्टेकहोल्डर के सुझाव भी लिए जा रहे हैं. सुझाव का संज्ञान लेते हुए योजनाओं में बदलाव भी किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कोई भी योजना बिना जनता और स्थानीय स्टेकहोल्डर्स के सहयोग से सफल नहीं होती. ऐसे में मसूरी में डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम को लागू करने के लिए लोगों के सुझाव लिये जा रहे हैं. कार्य योजना के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी जा रही है. एक महीने के बाद इस पर दोबारा बैठक की जाएगी.

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बता दें हाईकोर्ट ने केदारनाथ की तर्ज पर पूरे उत्तराखंड में प्लास्टिक की बोतलों और प्लास्टिक पैकेजिंग वाले सामानों पर क्यूआर कोड लगवा कर डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम के तहत पैकेजिंग और बोतलों को वापस करने वाले लोगों को प्रोत्साहन राशि देने की स्कीम लागू करने के निर्देश दिए हैं. जिसको लेकर प्रदेश की नगर पालिकाओं और निगमों द्वारा डिजिटल डिपॉजिट सिस्टम को लागू करने की कवायद की जा रही है.

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