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उत्तराखंड के जंगलों को आग का खतरा, वन विभाग ने कसी कमर - फायर सीजन

पिछले कुछ दिनों से तापमान बढ़ने के साथ-साथ जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं. जानकारी के अनुसार अबतक फायर सीजन के दौरान 30 घटनाओं में 40 हेक्टेयर क्षेत्र और 51 हजार का नुकसान हो चुका है.

जंगलों को आग का खतरा

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Published : Apr 26, 2019, 6:57 AM IST

Updated : Apr 26, 2019, 1:42 PM IST

देहरादून: जहां एक ओर प्रदेश में गर्मी का कहर लगातार बढ़ रहा है. वहीं, वन विभाग का फायर सीजन भी शुरू हो चुका है. जिसे लेकर वन विभाग लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है. वनाग्नि पर काबू पाने के लिए प्रदेश में 40 डिविजनों में कंट्रोल रूम बनाये गये हैं, जिससे आग लगने की सूचना जल्द मिल सके और टीमों को जल्द रवाना किया जा सके.

मुख्य वन संरक्षक पीके सिंह

पिछले कुछ दिनों से तापमान बढ़ने के साथ-साथ जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं. जानकारी के अनुसार अबतक फायर सीजन के दौरान 30 घटनाओं में 40 हेक्टेयर क्षेत्र और 51 हजार का नुकसान हो चुका है.

मुख्य वन संरक्षक पीके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि फायर सीजन 15 फरवरी से शुरू होता है. इस बार बीच-बीच में हो रही बारिश के कारण दुर्घटनाएं कम हो रही हैं. उन्होंने बताया कि 85 हजार हेक्टयर में एक कन्ट्रोल रूम बनाया गया है. इसके साथ ही 700 किमी में फायर लाइन सफाई भी की गई है.

पीके सिंह बताते हैं कि आग की सूचना पाने के लिए 40 डिविजनों में कन्ट्रोल रूम बनाये गए हैं. वहीं, एक कन्ट्रोल रूम मुख्यालय में भी बनाया गया है. मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में आग लगने की सूचना कोई भी दे सकता है. आग लगने की सूचना मिलते ही डिविजन को सूचना दे दी जाती है. जिसके बाद तुरन्त आग बुझाने की कार्रवाई शुरू हो जाती है.

उन्होंने बताया कि विभाग ने 1437 क्रू-स्टेशन बनाये हैं. जिनमें लगभग 7 कर्मचारियों की टीम की वायरलेस सेट के साथ तैनात की गई है. वे बताते हैं कि अभी तक फायर की 30 घटनाओं में 40 हेक्टेयर क्षेत्र और 51 हजार की क्षति हो चुकी है. साथ ही फायर सीजन के दौरान सभी वन विभाग कर्मचारियों की छुट्टियां भी निरस्त कर दी गई हैं.

Last Updated : Apr 26, 2019, 1:42 PM IST

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