मसूरीःपहाड़ों में दीपावली के ठीक 11 दिन बाद इगास पर्व मनाने की परंपरा है. इस बार उत्तराखंड में इगास पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. लिहाजा, मसूरी में इगास पर्व की तैयारी जोरों पर है. मसूरी में इस बार इगास पर पारंपरिक संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. जिसे लेकर मसूरी एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने कार्य योजना तैयार की है.
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इगास बग्वाल पर्व राजकीय अवकाश की घोषणा की है. मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि इगास बग्वाल उत्तराखंड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है. इगास हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है. सभी का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें. नई पीढ़ी हमारी लोक संस्कृति और पारंपरिक त्योहारों से जुड़ी रहे.
मसूरी में इगास पर्व की तैयारियां तेज. ये भी पढ़ेंः इगास पर्व को लेकर महेंद्र भट्ट ने अनिल बलूनी की मुहिम को सराहा, पारंपरिक छुट्टी की मांग वहीं, मसूरी में इगास बग्वाल पर्व को लेकर एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक की. बैठक के बाद उन्होंने कहा 4 नवंबर को धूमधाम के साथ इगास मनाया (Mussoorie Igas festival) जाएगा. जिसमें ढोल दमाऊ के साथ ही भैलो भी खेला जाएगा. एसडीएम ने सभी लोगों को कार्यक्रम में पारंपरिक वेशभूषा में आने का आह्वान भी किया.
मसूरी एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी (Mussoorie SDM Shailendra Singh Negi) ने बताया कि राजकीय पर्व इगास पर राज्य सरकार की ओर से अवकाश घोषित किया गया है. पहाड़ों की रानी मसूरी में भी इगास का कार्यक्रम धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. जिसमें प्रदेश की सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रहेगी.
मसूरी में इगास कार्यक्रम की रुपरेखा
- इगास कार्यक्रम में दो दल होंगे. एक दल किताब घर से ढोल दमाऊ, रणसिंघा, मसकबीन के साथ नाचते-गाते और भैलो खेलते हुए मॉल रोड से शहीद स्थल पहुंचेगा.
- दूसरा दल पिक्चर पैलेस से इन्हीं वाद्य यंत्रों के साथ नाचते गाते और भैलो खेलते हुए मॉल रोड से शहीद स्थल तक पहुंचेगा. शहीद स्थल में दोनों दलों का मिलन होगा. जहां संयुक्त रूप से भैलो खेला जाएगा.
- शहीद स्थल में दोनों टीमों के बीच रस्साकशी का मनोरंजक खेल भी होगा. जिसमें एक मुकाबला महिलाओं का तो दूसरा पुरुषों का होगा.
- वहीं, दोनों दल गांधी चौक की ओर जाएंगे. गांधी चौक में बोन फायर के साथ भैलो, लोक संगीत और लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा.
- इसी स्थान पर महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से लोक पकवान और भोज के स्टॉल लगाए जाएंगे. जिनमें भुगतान के आधार पर सस्ती दरों पर पहाड़ी भोज और पकवान का आनंद ले सकेंगे.
- इगास का कार्यक्रम शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक आयोजित किया जाएगा.
- वहीं, इगास पर्व पर सभी लोगों को पहाड़ी लोक पहनावे के साथ आने को कहा गया है. साथ ही भैला तैयार कर साथ में लाने का भी अनुरोध किया गया है.