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ऋषिकेश के अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भ्रूण जांच कराने पहुंची गर्भवती, स्वास्थ्य विभाग करेगा काउंसलिंग - भ्रूण की जांच कराने अल्ट्रासाउंड पहुंची गर्भवती

ऋषिकेश में एक गर्भवती के भ्रूण जांच के लिए अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंचने का मामला सामने आया है. सेंटर के संचालक ने स्वास्थ्य विभाग को मामले की सूचना दी है. स्वास्थ्य विभाग अब महिला की काउंसलिंग की तैयारी कर रहा है.

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Published : Sep 16, 2022, 7:51 AM IST

Updated : Sep 16, 2022, 10:21 AM IST

ऋषिकेश: स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए शहर के अल्ट्रासाउंड सेंटरों में अचानक छापेमारी कर दी. इस दौरान एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भ्रूण का लिंग जांच (Fetal sex check at ultrasound center) कराने आई महिला का मामला सामने आया. हालांकि, यह जानकारी अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक ने खुद स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी. स्वास्थ्य विभाग की टीम जल्दी ही संबंधित महिला से संपर्क कर उसकी काउंसलिंग करेगी.

गुरुवार को एसडीएम ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी स्वास्थ विभाग की टीम के साथ शहर के अलग-अलग अल्ट्रासाउंड सेंटरों में छापेमारी (Raids in ultrasound centers) करने पहुंचे. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अल्ट्रासाउंड मशीनों की जांच के साथ पंजीकरण और तमाम दस्तावेज खंगाले. ज्यादातर अल्ट्रासाउंड सेंटरों में व्यवस्थाएं मुकम्मल मिली. मगर कोयल घाटी स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालक ने चौंकाने वाली जानकारी स्वास्थ्य विभाग की टीम को दी. बताया कि एक महिला लगातार अल्ट्रासाउंड सेंटर में आकर भ्रूण का लिंग जांच के लिए दबाव (woman reached ultrasound to examine the fetus) बना रही है. लेकिन उन्होंने नियमों का उल्लंघन नहीं किया.
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यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हक्की बक्की रह गई. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संबंधित महिला का कॉन्टेक्ट नंबर और एड्रेस अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक से लिया. एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि लगातार सरकार भ्रूण हत्या और लिंग जांच रोकने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है. अल्ट्रासाउंड सेंटरों में भी भ्रूण का लिंग जांच नहीं कराने के लिए जागरूकता से संबंधित स्लोगन लगाए गए हैं. बावजूद इसके महिला के द्वारा भ्रूण का लिंग जांच कराने का मामला सामने आना गंभीर विषय है. इसलिए स्वास्थ विभाग की टीम संबंधित महिला से संपर्क कर उसकी काउंसलिंग करेगी.

कहीं बेटे की ख्वाहिश तो नहींः महिला के द्वारा भ्रूण का लिंग जांच कराने का मामला सामने आने के बाद यह तो साफ हो गया है कि महिला की तमन्ना पुत्र को जन्म देने की है. यदि गर्भ में पुत्र नहीं है तो संभवत महिला भ्रूण हत्या भी कर सकती है. ऐसी आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता. इस मामले से यह भी साफ हो गया है कि महिला बेटा बेटी में काफी फर्क समझती है. जबकि सरकार बेटा बेटी को एक समान दर्जा देने के लिए लोगों को प्रेरित करने में लगी है. वहीं, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य महिला और पुरुषों के बीच कम हुए अनुपात को बराबर करने की कोशिश कर रही है. वह लगातार महिलाओं को जागरूक कर रही हैं.

Last Updated : Sep 16, 2022, 10:21 AM IST

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