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गर्मी में बच्चों को अस्थमा से ऐसे करें बचाव, परामर्श के लिए परिजन पहुंच रहे दून हॉस्पिटल - asthma

गर्मी के मौसम में बच्चों के परिजनों को कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. आजकल इस मौसम में बच्चों को सांस लेने में हो रही दिक्कतों को लेकर परिजन दून अस्पताल के डॉक्टर से परामर्श लेने पहुंच रहे हैं. साथ ही दून अस्पताल के आईपीडी में अस्थमा से पीड़ित बच्चे भर्ती हो रहे हैं.

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Published : Mar 25, 2022, 12:55 PM IST

देहरादून:बढ़ती गर्मी में छोटे बच्चों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है. ऐसे मौसम में सावधानी बरतने और उनके खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उत्तराखंड में आजकल इस मौसम में बच्चों को सांस लेने में हो रही दिक्कतों को लेकर परिजन दून अस्पताल के डॉक्टर से परामर्श लेने पहुंच रहे हैं. साथ ही दून अस्पताल के आईपीडी में अस्थमा से पीड़ित बच्चे भर्ती हो रहे हैं.

देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की आईपीडी में अस्थमा से पीड़ित बच्चे भर्ती हो रहे हैं. इन दिनों पेड़ों और फूलों से पराग करण झड़ने से सबसे अधिक बच्चे अस्थमा से प्रभावित हो रहे हैं. अस्पताल की पीडियाट्रिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक ने बताया कि इस मौसम में अस्थमा और वायरल फीवर के केश बढ़ने से अस्पताल की आईपीडी में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस मौसम में परागकण वायुमंडल में तैरने से एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो जाती है, उन्होंने बताया कि इन दिनों फूलों में परागकण अधिक होते हैं जिस कारण विशेषकर बच्चों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में अभिभावक बच्चों को सुबह सैर कराने से परहेज करें, क्योंकि सुबह के समय यह परागकण अधिक गिरते हैं.

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उन्होंने कहा कि अगर संभव हो तो शाम को बच्चों को टहलाने के लिए निकले. इस मौसम में हरी सब्जी तरल पदार्थ ज्यादा लें. डिहाइड्रेशन की वजह से भी शरीर में पानी की कमी हो जाती है ऐसे में बच्चों को पानी का ज्यादा से ज्यादा सेवन कराएं. उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चों के परिजन बाइक से पहाड़ों की ओर सैर करने जा रहे हैं और अधिकतर परिजन अपने बच्चे को बाइक के सामने बैठा देते हैं. बच्चों को बाइक के सामने बैठा कर पहाड़ों का रुख न करें, क्योंकि सर्दी, गर्मी की वजह से बच्चे को फीवर के चांस बढ़ जाते हैं. उन्होंने कहा कि इन बातों का विशेष ध्यान रखते हुए बच्चों को बीमारी से दूर रखा जा सकता है.

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