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'15 साल की नौकरी' पर PRD जवान का पलटवार, निदेशक पर लगाए आरोप, सबूत के तौर पर पेश किया आदेश

Order to investigate allegations of PRD soldiers पीआरडी जवानों द्वारा विभाग पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों, पैसे काटे जाने और अधिकारियों द्वारा पर्सनल काम करवाने के आरोपों पर मंत्रालय ने जांच के आदेश दे दिए हैं. युवा कल्याण निदेशालय ने जिला युवा कल्याण अधिकारी चमन सिंह चौहान को मामले की जांच की रिपोर्ट देने के लिए कहा है. दूसरी तरफ पीआरडी जवान सुनील लखरवाल ने निदेशक पर गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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पीआरडी जवान

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 8:03 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 8:28 PM IST

'15 साल की नौकरी' पर PRD जवान सुनील लखरवाल का पलटवार

देहरादूनःबीते 11 दिसंबर को प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी जवानों का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगे हंगामा करने का मामला धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. हंगामे के बीच पीआरडी जवानों द्वारा अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों के सरकार ने जांच के आदेश भी दे दिए हैं. युवा कल्याण निदेशालय ने देहरादून के जिला युवा कल्याण अधिकारी चमन सिंह चौहान को इस मामले में इंटरनल जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है. वहीं, इस पूरे मामले को लेकर सीएम धामी के सामने अपनी बात रखने वाले पीआरडी जवान सुनील लखरवाल ने अपनी मांग और उनकी नौकरी के वर्षों को लेकर अधिकारियों के दिए बयान पर प्रतिक्रिया दी है.

दरअसल, बीते रोज युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के विशेष सचिव अमित सिन्हा ने बताया था कि मंत्री रेखा आर्य के आदेश के बाद निदेशक जितेंद्र सोनकर के नेतृत्व में इंटरनल जांच के आदेश हो गए हैं. सिन्हा ने बताया था कि संबंधित पीआरडी जवान सुनील लखरवाल ने सीएम को कहा था कि वो काफी समय से बेरोजगार है लेकिन प्रारंभिक जांच में पता चला कि वो पिछले 15 साल से पीआरडी में नौकरी कर रहा है. इसके साथ ही जिन भ्रष्टाचार की बात जवानों मे कही थी उस पर ये जांच की जाएगी कि किस लेवल पर भ्रष्टाचार की बात की गई है.

पीआरडी जवान सुनील लखरवाल का परिवहन विभाग से कार्य मुक्त करने का आदेश.

31 अक्टूबर को कर दिया गया कार्य मुक्त: वहीं, सिन्हा ने बयान के एक दिन बाद इस मामले पर छुट्टी पर भेजे गए पीआरडी जवान सुनील लखरवाल ने बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि उन्हें 31 अक्टूबर को परिवहन विभाग से कार्य मुक्त करने के आदेश प्राप्त हो गए थे. उसके बाद से वो कहीं पर भी कार्य नहीं कर रहे हैं. यही मुद्दा उन्होंने सीएम ने सामने उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में पीआरडी निदेशक जितेंद्र सोनकर गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब भी निदेशक के पास कोई पीआरडी जवान अपनी मांगों को लेकर जाता है तो जवान को समय नहीं दिया जाता है.

खेल एवं युवा कल्याण निदेशक ने रखी बात:वहीं, इस पूरे मामले पर खेल एवं युवा कल्याण निदेशक जितेंद्र सोनकर ने फोन पर हुई बातचीत में कहा कि पीआरडी जवानों का यह बयान पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि मासिक सैलरी से काटे जाने वाले पैसे को लेकर पीआरडी को कॉन्फिडेंस में लेने के बाद ही तमाम सुविधाओं के लिए यह पैसा काटा गया था. साथ ही इस पैसे के दुरुपयोग को लेकर लगे आरोपों की जांच की जा रही है.

निलंबित जवान सुनील पर बोले निदेशक: पीआरडी जवान सुनील की सेवाओं को लेकर निदेशक जितेंद्र सोनकर का कहना है कि सुनील पीआरडी जवान के रूप में पिछले 13 सालों से परिवहन विभाग में सेवारत थे. लगातार पीआरडी के माध्यम से उन्हें पिछले 13 सालों से रोजगार प्राप्त हो रहा है. हाल ही अक्टूबर माह में परिवहन विभाग की कुछ विभागीय कार्रवाई के तहत उन्हें हटाया गया है. वहीं पीआरडी के कार्यक्रम में हुए प्रकरण के बाद जांच के चलते उन्हें पीआरडी से भी जांच चलने तक निलंबित किया गया है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा.

ये है मामला: 11 दिसंबर को देहरादून में पीआरडी स्थापना दिवस के मौके पर पीआरडी जवानों ने सीएम धामी के आगे निदेशालय, युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल कार्यालय विभाग और उनके निदेशक पर भ्रष्टाचार जैसे कई गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही अधिकारियों द्वारा पीआरडी जवानों से उनका कुत्ता घुमाने, बर्तन मंजवाने और पर्सनल काम करवाने जैसी बातें भी कही गई थी. ऐसे में अब सरकार ने पीआरडी जवानों द्वारा लगाए गए इन आरोपों की जांच शुरू कर दी है.
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पीआरडी जवान सुनील लखरवाल ने बताया कि यही वजह थी कि स्थापना दिवस के दिन सीधे प्रदेश के मुखिया के सामने ही अपना दुख बयां करने का इरादा बनाया. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए. ताकि यह सबके सामने आ सके कि विभाग गलत है या फिर पीआरडी जवानों की गलती है.

फिलहाल इस पूरे मामले में युवा कल्याण एवं खेल मंत्री रेखा आर्य ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल के विशेष सचिव अमित सिन्हा ने ये भी बताया है कि निदेशक ने ये जांच जिला स्तर पर सौंप दी है. जिला युवा कल्याण अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. जांच होने के बाद ये रिपोर्ट निदेशक को सौंपी जाएगी और फिर निदेशक शासन को फाइनल रिपोर्ट सौपेंगे. सिन्हा ने ये भी बताया कि अगर जांच रिपोर्ट में निष्पक्षता नहीं पाई गई तो अन्य एंजेंसियों से भी जांच करवाई जा सकती है.

Last Updated : Dec 13, 2023, 8:28 PM IST

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