देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों सरकार के मंत्री और विधायकों के किस्से और बयान इतने चर्चाओं में नहीं हैं जितनी चर्चा पूर्व बीजपी विधायक प्रणव सिंह और मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा के बयानों और दोनों के सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस की हो रही है. आलम ये है कि दोनों के सोशल मीडिया फैन एक दूसरे की पोस्ट का बेसब्री से इन्तजार करते हैं. ये दोनों ही नेता सोशल मीडिया हो या फिर मीडिया दोनों ही जगहों एक दूसरे को जमकर खरी खोटी सुनाते हैं. कई बार ये दोनों नेता एक दूसरे को घेरते हुए शब्दों की सीमा तक को लांघ जाते हैं.
कहां से शुरू हुई दुश्मनी: हम आपको इन दोनों के किस्से बताएं उससे पहले जानते हैं की आखिरकार ये दोनों एक दूसरे के खिलाफ आखिर क्यों आग उगल रहे हैं. दरअसल, ये दुश्मनी कोई खानदानी नहीं है, बल्कि उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान इसकी नींव पड़ी. तब से ही ये दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ हैं. मामला तब शुरू हुआ जब रुड़की में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रणव सिंह चैम्पियन ने एक पत्रकार के सवाल का जवाब देने के वजह उससे उसकी शैक्षिक योग्यता पूछ ली. इसके बाद रुड़की के पत्रकारों ने उनका विरोध किया. इसके बाद उमेश शर्मा ने न केवल पत्रकारों के पक्ष में पोस्ट किया, बल्कि प्रणव सिंह से फोन पर भी इस मामले में बातचीत की. इसके बाद उमेश शर्मा ने खानपुर से चुनाव लड़ने का मन बनाया. चुनावों की तारीखों का एलान हुआ तो चैम्पियन ने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारा. वहीं उनके खिलाफ उमेश शर्मा भी खानपुर से ही चुनावी मैदान में कूद पड़े. तब उमेश शर्मा ने किसी पार्टी से सिंबल नहीं लिया. ऐसे में चुनाव बीजेपी बनाम निर्दलीय हो गया. चुनावों के परिणाम आने के बाद उमेश विधायक बन गए. प्रणव सिंह चैम्पियन पूर्व हो गए. इसके बाद से ही दोनों की दोस्ती दुश्मनी में तब्दील हो गई.
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सोशल मीडिया पर एक दूसर खिलाफ उगलते हैं जहर:जब से प्रणव सिंह चैम्पियन और उमेश शर्मा के बीच दुश्मनी हुई तब से ही ये दोनों सोशल मीडिया पर एक दूसर खिलाफ जहर उगलते दिखाई देते हैं. दोनों की बयानबाजी अक्सर चर्चाओं में रहती है. प्रणव सिंह चैम्पियन लगातार उमेश के खिलाफ हल्ला बोलते हुए उनकी विधायकी को गलत बताते हुए कोर्ट चले गए. उमेश इस मामले में कोर्ट में लगातार उनका सामना करते रहे. फिलहाल दोनों के बीच का ये मामला कोर्ट में चल रहा है.
दोनों ही आएं दिन फेसबुक पर अपनी कोर्ट में अपनी जीत का दम भरते दिखते हैं. दोनों के खिलाफ फेसबुक पर इतनी तीखी बहस हो जाती है जिसमें साड़ी हदें पार हो जाती हैं. एक बार उमेश शर्मा ने लिखा की तुम कौन से सन में आईएफएस की परीक्षा दे रहे थे? क्या रैंक थी तुम्हारी? ये पोस्ट बेहद लंबा था. इस पोस्ट की वजह प्रणव सिंह का वो बयान है जिसमें ने खुद को आईएएफएस क्वालिफाइड बताते हैं. इसके बाद प्रणव सिंह ने भी उनके इस पोस्ट का जवाब दिया. उन्होंने लिखा नहीं जानते तुमने शेक्सपीयर को पढ़ा है या नहीं, शायद उनकी spelling भी तुम्हें नपता हो. उन्होंने कहा था Rudeness is weak man’s imitation of strength समझ आया? नहीं तो पूछ लेना किसी से तुम्हारी काबिलियत पर पूरा शक है हमें. इतना ही नहीं कभी प्रणव, उमेश को गीदड़ बताते रहते हो तो कभी उमेश प्रणव को फेसबुक पर उनकी औकात तक पर पोस्ट लिखने से नहीं चूकते.
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