देहारदून: प्रकाश पंत.... एक ऐसा नाम जो हर किसी के जहन में जज्जबातों की तरह बसता है.... उनकी बेदाग छवि और कार्यकुशलता उन्हें अजेय बनाती है. लेकिन प्रदेश की राजनीति में कभी न हारने वाला ये चेहरा इस बार मौत से जिंदगी की जंग हार कर सबसे दूर चला गया.
सादगी पसंद जीवन... ईमानदार और बेदाग छवि... यही पहचान थी प्रदेश के वित्त मंत्री प्रकाश पंत की. कैंसर जैसी घातक बिमारी से जंग लड़ते-लड़ते पंत जिंदगी की जंग हार गये...
उत्तराखंड की राजनीति में अपने सौम्य व्यवहार और व्यक्तित्व से अपनी अलग पहचान बनाने वाले प्रकाश पंत अब अलविदा कह चुके हैं. वो छोड़ गये हैं अपनी वो यादें जो हमें उनके व्यक्तित्व की याद दिलाएंगी.... वो छोड़ गये हैं ...वो सब कुछ जिसके लिए वे जाने जाते थे....खबर पर विश्वास करना मुश्किल था.. लेकिन जब परिवार ने मौत की पुष्टि की तो सभी की आंखें नम हो गई.
पढ़ें-प्रकाश पंत के करीबियों को 3 महीने पहले ही पता चल गया था विधि का विधान, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दी थी जानकारी
आज देवभूमि गमजदा है... प्रकाश पंत की मौत की खबर के बाद से ही हर कोई अपने-अपने तरीके से पंत को याद कर उन्हें श्रद्दांजलि दे रहा है. बता दें कि प्रकाश पंत पिछले कई समय से बीमार चल थे. उन्हें कुछ दिन पहले ही इलाज के लिए दिल्ली से अमेरिका ले जाया गया था, जहां बुधवार शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया. पंत अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को छोड़ गए हैं. पंत के निधन की खबर के बाद से प्रदेश राजनीति की गलियों में सन्नाटा छा गया है. पंत का कुशल व्यवहार और उनका व्यक्तित्व उन्हें पक्ष और विपक्ष से परे करता था.
राजनीति में हिंसा, घृणा, द्वेष, प्रतिस्पर्धा जैसी भावनाओं से दूर रहकर पंत ने खुद को अजात शत्रु साबित किया. ये ही कारण है कि पंत के यूं असमय जाने से हर कोई हैरान है. पंत की सादगी, उनकी बेबाकी और उनके प्रखर नेता की छवि.. उनके दूर जाने के साथ ही लोगों के जहन में और करीब आती जा रही है. जो कि पंत को सभी के दिलों में हमेशा जीवित रखेगा.