उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

प्रदोष व्रत: भगवान शिव के साथ पाएं शनिदेव की कृपा, ऐसे करें उपासना - shani dev ekadashi

प्रदोष व्रत का ज्योतिष महत्व विशेष है. क्योंकि शनिवार को ये व्रत पड़ने के कारण भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के साथ शनिदेव की भी कृपा उन जातकों के ऊपर बनी रहेगी

Pradosh Vrat
Pradosh Vrat

By

Published : Sep 4, 2021, 8:43 AM IST

देहरादून:हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खासा महत्व होता है. इस बार ये व्रत शनिवार यानी आज पड़ रहा है. वैसे तो हर महीने की त्रियोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. जो भगवान शिव को समर्पित पर्व है.मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि- विधान से पूजा करने पर हर मनोरथ पूरे होते हैं.

ऐसा माना जाता है कि कलियुग में भगवान शिव को प्रसन्न करने वाला ये विशेष व्रत है. कहते हैं कि भगवान शिव की पूजा का शुभ फल प्राप्त करने के लिए प्रदोष काल में ही पूजा करनी चाहिए. इस व्रत में प्रदोष काल में पूजा करने का खास महत्व होता है. वहीं, शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है.

पढ़ें-'पंज प्यारे' बयान पर हरीश रावत का प्रायश्चित, नानकमत्ता साहिब में लगाई झाड़ू, साफ किए जूते

प्रदोष व्रत का ज्योतिष महत्व विशेष है क्योंकि शनिवार को ये व्रत पड़ने के कारण भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के साथ शनिदेव की भी कृपा उन जातकों के ऊपर बनी रहेगी जो इस व्रत को करेंगे, क्योंकि शनिदेव भगवान भोलेनाथ के बहुत बड़े भक्त हैं. इस व्रत को करने से उन जातकों के ऊपर से शनिदेव का जो दुष्प्रभाव है वो कम होगा.

राहु, केतु और शनि से कुंडली में बनने वाले 6 विशेष दोष जैसे कालसर्प दोष, विष दोष, गुरु चांडाल दोष, अंगारक दोष, पितृ दोष, ग्रहण दोष की पीड़ा से भी मुक्ति मिल सकती है.इस विशेष मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जाकर भोलेनाथ का अभिषेक करें और भगवान भोलेनाथ की प्रिय वस्तुएं जैसे बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद पुष्प, मंदार पुष्प इत्यादि को भोलेनाथ को अर्पित करें और उनसे प्रार्थना करें.

पूजा- विधि

  • स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन करें.
  • घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित जलाकर पूजा करें.
  • इस दिन अगर संभव हो तो व्रत भी रख सकते हैं.
  • भगवान शिव का गंगा जल से अभिषेक करें.
  • भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें.
  • प्रदोष पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही भगवान गणेश की भी पूजा करें.
  • भगवान शिव को सात्विक चीजों का भोग लगाएं.
  • तत्पश्चात भगवान शिव की आरती करें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details