देहरादून:कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से आज चारधाम यात्रा को स्थगित करने का ऐलान कर दिया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री का यह फैसला चारधाम यात्रा मार्ग के छोटे व्यापारियों के लिए तो एक बड़ा झटका है ही इसके साथ ही गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के लिए भी यह फैसला किसी बड़े झटके से कम नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जारी लॉकडाउन के चलते जीएमवीएन को 50 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ था. ऐसे में जीएमवीएन को इस बार उम्मीद थी कि पिछले साल हुए नुकसान से वह चारधाम यात्रा से होने वाली कमाई से काफी हद तक उबर पाएगा. लेकिन कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए अब जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत चारधाम यात्रा को स्थगित करने का ऐलान कर चुके हैं, तो जीएमवीएन के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की खड़ी हो गई है.
जीएमवीएन के एमडी आशीष चौहान ने ईटीवी भारत को बताया कि चारधाम यात्रा का स्थगित होना निगम प्रबंधन के लिए कई चुनौतियां खड़ी करने जा रहा है. इसमें सबसे बड़ी चुनौती निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की है. वर्तमान में निगम प्रबंधन के पास सिर्फ कर्मचारियों के अगले एक माह का वेतन देने का ही फंड है, जो लगभग 4.5 करोड़ है. ऐसे में यदि आने वाले समय में सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली तो कर्मचारियों का वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा.
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