देहरादून:उत्तराखंड में भर्ती घोटालों की जांच एसटीएफ कर रही है. अब तक एसटीएफ की टीम भर्ती घोटाले में कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. बावजूद इसके प्रदेश के युवा लगातार इन भर्ती परीक्षाओं में हुई धांधली की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर हैं. जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस जांच की मॉनिटरिंग के लिए न्यायाधीश की नियुक्ति करने का अनुरोध किया है. जिसके बाद से ही उत्तराखंड में सियासत तेज हो गई है.
शासन ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की 4 और उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की 3 भर्ती परीक्षाओं की जांच उत्तराखंड हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने का निर्णय लिया है. दरअसल, सरकार ने 10 फरवरी को भर्ती घोटालों की जांच की निगरानी हाईकोर्ट के सिटिंग जज को सौंपने का निर्णय लिया था. इसी क्रम में 28 फरवरी को अपर मुख्य सचिव गृह राधा रतूड़ी की ओर से हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को पत्र भेजा गया. पत्र को स्वीकार कर इसके लिए जज नियुक्त करने का निर्णय अब हाईकोर्ट को लेना है.
हाईकोर्ट सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने को लेकर सीएम पुष्कर धामी ने कहा प्रशिक्षित बेरोजगारों के मन में इस जांच को लेकर किसी भी प्रकार का कोई संदेह न रहे. इसको लेकर ही जहां एक ओर नकल विरोधी कानून लाया गया है. वहीं, नैनीताल हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने का निर्णय लिया गया है. यह पूरा जांच निष्पक्ष रूप से किया जाएगा. ऐसे में अब किसी के मन में कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
धामी सरकार के इस निर्णय पर अब सियासत तेज हो गई है. विपक्ष जहां आरोप लगा रहा है तो, बीजेपी बचाव में सरकार के निर्णय की सराहना कर रही है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा युवाओं की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 फरवरी को ही सिटिंग जज की निगरानी में जांच कराने की बात कही थी. जिस संबंध में पत्र भेजा गया हैं. सरकार पहले दिन से ही इस मामले को लेकर काफी गंभीर है. लिहाजा इसमें कोई भी कोताही नहीं बरती जाएगी.
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वही, भर्ती परीक्षाओं की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने के फैसले पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा सरकार का ये फैसला देर से लिया गया है और अधूरा फैसला है. उन्होंने आशंका जताई कि गवाहों को डरा धमका कर या किसी अन्य तरीके से ग्वाहों की गवाही को प्रभावित किया जा सकता हैं. ऐसे में सरकार को हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई जांच करानी चाहिए.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाएं.
1. ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा में विवेचना की कार्रवाई के दौरान 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 9 अभियुक्तों के विरूद्ध आरोप-पत्र प्रेषित किया जा चुका है, बाकी विवेचना जारी है.