भगत दा की नसीहत से गरमाई उत्तराखंड की राजनीति. देहरादूनःउत्तराखंड में कई बार अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ ढुलमुल रवैये को लेकर सवाल उठते रहते हैं. जहां एक ओर सरकार के मंत्री अधिकारियों पर सवाल उठा चुके हैं तो वहीं बीते दिनों उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों पर नकेल कसने को लेकर सीएम धामी को नसीहत दे डाली. हालांकि, कई मंत्री ऐसे हैं, जो अधिकारियों के रवैये को लेकर सीएम धामी से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन भगत दा की ओर से सीएम को नसीहत देने के बाद से ही सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में सरकार और अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल न होने की वजह से तमाम विकास कार्य योजनाएं प्रभावित होती है. इसके अलावा तमाम मंत्रियों को भी इस बात से नाराजगी रहती है कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. यही वजह है कि प्रदेश में कई बार ऐसी स्थिति देखी गई है कि मंत्री अपने विभागीय सचिव को बदलते रहते हैं. वर्तमान स्थिति ये है कि न सिर्फ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बल्कि, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य समेत कई मंत्री अधिकारियों के जनप्रतिनिधियों के साथ रवैये को लेकर सवाल उठा चुके हैं.
इतना ही नहीं सीएम धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से सभी अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं. बावजूद इसके वर्तमान स्थिति यह है कि अधिकारियों और मंत्रियों, विधायकों के साथ तालमेल बैठता नजर नहीं आ रहा है. इन्हीं स्थितियों को लेकर बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम के दौरान सीएम धामी को इस बात को लेकर नसीहत दे दी है. सीएम को नसीहत देते हुए भगत दा ने कहा कि वो अधिकारियों पर नकेल कसें. जिससे अधिकारी धरातल पर उतरे और आम जनता की सुध लें.
भगत सिंह कोश्यारी ने यहां तक कह दिया कि जो अधिकारी धरातल पर काम नहीं कर रहे हैं, उन अधिकारियों को घर बिठाने का काम करें. ताकि राज्य में विकास की योजनाएं भी तेज गति से आगे बढ़ सके और उन योजनाओं का लाभ जनता को भी मिल सके. पूर्व राज्यपाल की इस नसीहत पर अब बीजेपी, कांग्रेस भी धामी सरकार को सलाह देती हुए नजर आ रही है. क्योंकि, सीएम धामी को उनके गुरु भगत दा से मिली इस नसीहत के बाद से ही विपक्षी दल कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया है. यही वजह है कि कांग्रेसी भी अब इस बात को कह रही है कि उनके गुरु ने जो नसीहत दी है, उस नसीहत पर सीएम धामी को ध्यान देने की जरूरत है.
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उत्तराखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने धामी सरकार के अधिकारियों को धरातल पर जाकर आम जनता से रूबरू होने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि उनके ऐसा करने से जनता की समस्याएं भी दूर होंगी और सरकार की तरफ से जो विकास की योजनाएं चल रही है, वो विकास की योजनाएं भी धरातल पर तेज गति से आगे बढ़ पाएंगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने खासतौर पर कृषि बागवानी और उद्यान से जुड़े हुए अधिकारियों को टारगेट करते हुए कहा कि उनकी तरफ से कोई काम धरातल पर उतर कर नहीं किया जाता है. ऐसे में जिन किसानों को लाभ देने के बाद सरकार करती है. उन किसानों को कैसे लाभ मिल पाएगा?
भगत सिंह कोश्यारी की इस सलाह पर बीजेपी भी समर्थन कर रही है और धामी सरकार की योजनाओं में अधिकारियों को पूरा सहयोग देने की नसीहत भी दे रही है. ताकि, सरकार जो आम जनता के विकास के लिए योजनाएं चला रही है. उन सभी योजनाओं से जनता लाभान्वित हो सके. जबकि, दूसरी तरफ कांग्रेस भगत दा की इस सलाह को राज्य हित का बता रही है और सरकार को उस सलाह पर अनुसरण कर चलने की नसीहत दे रही है. ताकि न सिर्फ अधिकारियों का जनप्रतिनिधियों के साथ रवैया ठीक हो, बल्कि योजनाओं का सही लाभ जनता को मिल सके.
उत्तराखंड की धामी सरकार यूं तो अधिकारियों पर नकेल कसने का काम कर रही है, लेकिन जो सलाह पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम को दी है. अगर उस सलाह को सरकार मानती है तो फिर अधिकारियों की बेलगाम अफसरशाही पर भी लगाम लगेगी और धरातल पर भी जनता की समस्याओं का समाधान होगा. साथ ही जिन किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है. उन किसानों की उपज को भी अच्छा मार्केट मिल पाएगा और किसानों की आय दोगुनी होने लगेगी.