देहरादून: उत्तराखंड में भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे राजनीतिक घमासान की वजह बन गए हैं. दरअसल प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लिहाजा भाजपा ने केंद्रीय नेताओं के दौरों के कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं. हालांकि इस मामले में कांग्रेस थोड़ा पीछे है, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरों पर भी वह अपने अलग तर्कों से चुटकी ले रही है.
विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर केंद्रीय नेताओं की उत्तराखंड में हो रहे दौरों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. हालत यह है कि भाजपा के बड़े नेता लगातार उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस के नेता अभी सूची ही तैयार करने में जुटे हैं.
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चुनावी मोड पर काम कर रहे राजनीतिक दल अपने एजेंटों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं, लेकिन भाजपा केंद्रीय नेताओं के जरिए जनता के बीच बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि जब भी केंद्रीय नेता प्रदेश में आते हैं तो इसका फायदा प्रदेश को मिलता है. इससे विकास विकास की गति तेज होती है. राज्य को योजनाओं के रूप में फायदा होता है.
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कांग्रेस इस मामले में अपना एक अलग तर्क रख रही है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो उत्तराखंड में उनकी पार्टी सोची समझी रणनीति के तहत तैयारी में जुटी हुई है. इस पर लगातार होमवर्क भी किया जा रहा है.
उन्होंने कहा भाजपा केंद्रीय नेताओं के दौरे उत्तराखंड में करवा लें, कोरी घोषणाएं कर जनता को गुमराह कर लें. लेकिन 2022 के चुनाव में जनता केंद्रीय नेताओं के कोरे वादों और सरकार की विफलताओं को लेकर भाजपा को सबक सिखाएगी.