देहरादून: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन कौशिक के बीच खुली बहस की चुनौती इन दिनों प्रदेश में हॉट टॉपिक बना हुआ है. इससे एक तरफ जहां मनीष सिसोदिया उत्तराखंड में राजनैतिक जमीन तैयार करने में लगे हैं, तो वहीं सरकार की तरफ से मदन कौशिक भी उन्हें टक्कर देने में फ्रंटफुट पर हैं. वहीं, कांग्रेस इस बहस को केवल जनता को बेवकूफ बनाने वाली बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि इन दोनों में से कोई भी बहस को लेकर आमने सामने नहीं आ सकता है.
खुली बहस की चुनौती को लेकर मनीष सिसोदिया और मदन कौशिक गेंद एक दूसरे के पाले में डालते नजर आ रहें हैं. दरअसल, मनीष सिसोदिया ने अपने उत्तराखंड के पहले राजनैतिक दौरे में ही सरकार को घेरा. उन्होंने मुख्यमंत्री त्रीवेंद्र रावत को चुनौती दे डाली कि उनकी सरकार में कोई 5 काम जो कि जनता के लिए किये गये हों मुख्यमंत्री गिनवा दें.
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उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी थी कि वह उन्हें खुले मंच पर बहस की चुनौती देते हैं. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को दी गई इस चुनौती को उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के आईटी सेल द्वारा जमकर प्रचारित प्रसारित किया गया.
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उत्तराखडं की त्रिवेंद्र सरकार को खूब ललकारा गया. जिसके बाद सरकार के वरिष्ठ मंत्री मदन कौशिक ने इस चुनौती को स्वीकार किया. उन्होंने कहा वह मनीष सिसोदिया के चैलेंज को स्वीकार करते हैं. इसके तुरंत बाद आम आदमी पार्टी की ओर से मनीष सिसोदिया की प्रतिक्रिया आयी है. जिसमें उन्होंने देहरादून में 2, 3 और 4 जनवरी की तारीख तय करते हुए कहा कि मैं इन दिनों देहरादून में रहूंगा. किसी भी दिन मदन कौशिक बहस के लिए बता दें.