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पहाड़ और मैदान में तैनात पुलिसकर्मियों के तबादले जल्द, DIG गढ़वाल ने 7 जिलों से तलब की सूची

उत्तराखंड में गढ़वाल मंडल से सभी सात जिलों में पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी के तहत पुलिस अधिकारियों के तबादले होने जा रहे हैं. गढ़वाल डीआईजी ने सातों जनपदों के एसपी और एसएसपी से संबंधित अधिकारियों की सूची एक सप्ताह में मांगी है, जो नियमानुसार पहाड़ और मैदान में अपनी ड्यूटी पूरी कर चुके हैं.

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पुलिस ट्रांसफर

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Published : Apr 9, 2022, 9:48 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड पुलिस ट्रांसफर पॉलिसी के अनुसार एक बार फिर कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर रैंक के कर्मचारियों के तबादले को लेकर कसरत शुरू हो चुकी है. ट्रांसफर नियमावली के तहत मैदान और पहाड़ी जनपदों में तैनात कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, दारोगा व इंस्पेक्टरों के तबादले के लिए गढ़वाल डीआईजी ने मंडल के सभी 7 जिलों के एसपी और एसएसपी से एक सप्ताह में सूची मांगी है.

ये है ट्रांसफर का फंडा: उत्तराखंड पुलिस ट्रांसफर नियमावली के अनुसार जिन कांस्टेबल व हेड कांस्टेबल ने मैदानी जनपदों में 16 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें ट्रांसफर कर पहाड़ी जनपदों में तैनाती के लिए भेज जाएगा. वहीं, पहाड़ी जनपदों में 8 साल की सेवा पूरी करने वाले कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को मैदानी जनपद में भेजा जाएगा.

पहाड़ और मैदान में तैनात पुलिसकर्मियों के तबादले जल्द.

वहीं, ट्रांसफर नियमावली के अनुसार पर्वतीय जनपदों में 4 साल की तैनाती सेवा पूरी करने वाले दारोगा व इंस्पेक्टर रैंक के कर्मचारियों को देहरादून, हरिद्वार जैसे जनपदों में ट्रांसफर किया जाएगा. इसी रैंक के 8 साल से मैदानी जनपद में सेवाएं पूरी करने वाले दरोगा व इंस्पेक्टर को 4 वर्षों के लिए पर्वतीय जिलों में ड्यूटी के लिए भेजा जाएगा.

एक हफ्ते में होंगे ट्रांसफर ऑर्डर: डीआईजी गढ़वाल मंडल करण सिंह नगन्याल ने बताया कि गढ़वाल मंडल के सभी 7 जनपदों के एसपी और एसएसपी से कर्मचारियों की सूची मांगी गई है. आगामी एक सप्ताह के बाद ट्रांसफर के ऑर्डर जारी किए जाएंगे. वहीं, दूसरी तरफ जो कर्मचारी पहाड़ से मैदान और मैदान से पहाड़ नहीं आना चाहते, उनको बाकायदा प्रार्थना पत्र देकर कारण बताना होगा. ट्रांसफर पॉलिसी के तहत जिन कर्मचारियों की वास्तविक पारिवारिक और व्यक्तिगत समस्या होगी, उनके स्थानांतरण पर विचार किया जाएगा.
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पिछले साल गड़बड़ाया था मामला: बता दें, साल 2021 में पहाड़ी और मैदानी जनपदों में ट्रांसफर पॉलिसी अनुसार सेवा पूरा करने वाले कर्मचारियों के ट्रांसफर आदेश होने के बावजूद उनकी तैनाती को लेकर काफी फजीहत देखने को मिली थी. मैदानी जनपदों से तैनाती की समय सीमा पूरी होने के बाद पहाड़ी जनपदों में ट्रांसफर रुकवाने के लिए दरोगा व इंस्पेक्टरों ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव तक की सिफारिश का दबाव बनाकर ट्रांसफर को लंबित कराया गया था.

इसके लिए बाकायदा शासन द्वारा कोरोना महामारी का हवाला देकर ट्रांसफर रोके गए. हालांकि, बाद में लगातार मीडिया में खबर चलने के बाद मैदानी और पहाड़ी जनपदों के ट्रांसफर काफी हद तक सुनिश्चित किए गए हैं. ऐसे में इस साल भी स्थानांतरण को लेकर गढ़वाल व कुमाऊं रेंज के अधिकारियों को माथापच्ची करनी पड़ रही है.

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