देहरादूनः उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग (uttarakhand police grade pay) पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है. जबकि, प्रदेश में आचार संहिता भी लग गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री की घोषणा और तमाम आश्वासनों के बावजूद ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी न होने से मायूस एक पुलिसकर्मी ने वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उधर, पुलिस परिजनों ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर अपने आंदोलन के अग्रिम रणनीति बनाई और बीजेपी सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का निर्णय लिया.
जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में तैनात कांस्टेबल योगेश गोस्वामी ने ग्रेड-पे लागू न होने से दुःखी होकर वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने अपने जिला पुलिस प्रभारी को आवेदन सौंपा है. वीआरएस देने वाले पुलिसकर्मी योगेश गोस्वामी ने साफतौर पर इस बात का तर्क दिया है कि ग्रेड-पे लागू न होने की वजह से वो डिप्रेशन में आ चुका है. जिसके चलते आगे नौकरी न करने की वजह से वीआरएस ले रहा है.
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बताया जा रहा है कि योगेश गोस्वामी अपनी 20 साल की नौकरी पूरी कर चुका है, लेकिन ग्रेड-पे लागू न होने से मायूस था. ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि साल 2001 में भर्ती हुए यानी 20 सालों से पुलिस में सेवाएं दे रहे, कई ऐसे जवान हैं. जो तनाव और आक्रोश में आकर वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.