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ट्रांसफर एक्ट का नहीं हो रहा पालन, दारोगा-इंस्पेक्टर की नई जिम्मेदारी सवालों के घेरे में - Transfer Act is not being followed in Uttarakhand Police

मैदानी जिलों में लंबे समय तैनात दारोगा-इंस्पेक्टर पहाड़ पर तैनाती से बचते रहे हैं. विभागीय जानकारों के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य गठन के बाद से मैदानी इलाकों में तैनात वह दारोगा-इंस्पेक्टर हैं, जो राजनीतिक संरक्षण के चलते 10 साल की तय समय सीमा पूरी होने के बावजूद मैदान से पहाड़ चढ़ने वाले 'ट्रांसफर एक्ट' को लागू नहीं होने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

ट्रांसफर एक्ट
ट्रांसफर एक्ट

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Published : Jun 3, 2021, 9:21 AM IST

Updated : Jun 3, 2021, 11:44 AM IST

देहरादून:उत्तराखंड के मैदानी जिलों में लंबे समय तैनात दारोगा-इंस्पेक्टर पहाड़ नहीं चढ़ पा रहे हैं. जो दारोगा-इंस्पेक्टर ट्रांसफर एक्ट के तहत अंडर ट्रांसफर लिस्ट में चल रहे हैं, उनको 'बैक टू बैक' थाना-कोतवाली की जिम्मेदारी तोहफे के रूप में मिलती जा रही है. बीते दिन देहरादून जिले में 5 कोतवाल, इंस्पेक्टर के तबादले आदेश की सूची जारी की गई. इसमें दो कोतवाल (इंस्पेक्टर) वो हैं, जो अंडर ट्रांसफर में होने के बावजूद उन्हें नई कोतवाली की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


बता दें कि ट्रांसफर एक्ट नियमावली के मुताबिक पहाड़ चढ़ने वाले आदेश सूची में देहरादून जिले के कुल 5 ऐसे इंस्पेक्टर व कोतवाल हैं जो अंडर ट्रांसफर में चल रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद 2 इंस्पेक्टर को नई कोतवाली की जिम्मेदारी कल ही दी गई है, जबकि इनमें 3 इंस्पेक्टर पहले से अलग-अलग कोतवाली में प्रभारी हैं. वहीं दूसरी तरफ देहरादून जिले के दो ऐसे दारोगा भी हैं, जो अंदर ट्रांसफर में चल रहे हैं, उसके बावजूद उन्हें थानों की जिम्मेदारी पहले से मिली हुई हैं.

ट्रांसफर सूची
इन दो अंडर ट्रांसफर इंस्पेक्टर को मिली नई जिम्मेदारी
1-देहरादून के शहर कोतवाली में 3 साल से नगर कोतवाल की जिम्मेदारी निभा रहे इंस्पेक्टर शिशुपाल नेगी ट्रांसफर एक्ट नियमावली के तहत पहाड़ चढ़ने वाले आदेश सूची में शामिल हैं. लेकिन पहाड़ चढ़ना तो दूर की बात उन्हें अंडर ट्रांसफर होने के बावजूद देहरादून शहर कोतवाल से कार्यमुक्त कर धर्मनगरी ऋषिकेश कोतवाल बना दिया गया.
2-विकासनगर में लंबे समय से तैनात इंस्पेक्टर राजीव रौथाण का नाम भी ट्रांसफर एक्ट के तहत पहाड़ चढ़ने वाली सूची में है. लेकिन इन्हें भी अंडर ट्रांसफर में होने के बावजूद विकासनगर कोतवाली से कार्यमुक्त कर पर्यटन नगरी मसूरी का नया कोतवाल बना दिया गया है.
यह तीन इंस्पेक्टर अंडर ट्रांसफर सूची में होने के बावजूद पहले से कोतवाली प्रभारी में जमे हुए हैं.
1-देहरादून के थाना डालनवाला प्रभारी इंस्पेक्टर मणि भूषण श्रीवास्तव पहाड़ चढ़ने वाले अंडर ट्रांसफर आदेश सूची में बीते अप्रैल माह से शामिल हैं. लेकिन पहाड़ रवानगी न होने के चलते वह फिलहाल पहले से डालनवाला थाना प्रभारी पद में जमे हुए हैं.
2-देहरादून के देहात क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले डोईवाला कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर सूर्य भूषण नेगी भी पहाड़ चढ़ने वाले अंडर ट्रांसफर सूची में पहले से शामिल हैं, लेकिन वे भी वर्तमान समय में डोईवाला कोतवाल पद संभाल रहे हैं.
3-नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश गुसाईं ट्रांसफर एक्ट नियमावली के मुताबिक पहाड़ चढ़ने वाली अंडर ट्रांसफर सूची आदेश में अप्रैल माह से शामिल हैं. लेकिन शासन के
हस्तक्षेप के चलते रवानगी ना होने के कारण फिलहाल वे नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी के पद पर जमे हुए हैं

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मैदान में तय समय सीमा पूरी होने के बावजूद ट्रांसफर एक्ट दरकिनार
उत्तराखंड में पुलिस ट्रांसफर एक्ट वर्ष 2017 में लागू होने और वर्ष 2018 में संशोधन होने के बावजूद अब तक धरातल पर लागू नहीं हो सका है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. विभागीय जानकारों के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य गठन के बाद से मैदानी इलाकों में तैनात वह दारोगा-इंस्पेक्टर हैं, जो राजनीतिक संरक्षण के चलते 10 साल की तय समय सीमा पूरी होने के बावजूद मैदान से पहाड़ चढ़ने वाले 'ट्रांसफर एक्ट' को लागू नहीं होने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.

Last Updated : Jun 3, 2021, 11:44 AM IST

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