पुलिसकर्मियों को पढ़ाया जाएगा संशोधित कानून का पाठ देहरादून:उत्तराखंड पुलिस को संशोधित नियम कानूनों की जानकारी देने की तैयारी की जा रही है. इस कड़ी में पुलिस विभाग ने महकमे में प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की है.जिसके जरिये आईपीएस अफसर से लेकर कॉन्स्टेबल तक को नए कानूनों के बारे में बताया जा सकेगा. जिसके लिए सबसे पहले विभाग मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे और फिर बाकी पुलिसकर्मी भी नए कानून की बारीकियों को समझ सकेंगे.
देश में भारतीय न्याय संहिता 2023 को लेकर उत्तराखंड पुलिस खुद को तैयार करने में जुट गई है. इसके लिए पुलिस विभाग ने नए संशोधित कानून को जानने के लिए प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार की है. इसके तहत पुलिस विभाग में अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक को नए संशोधित कानून की जानकारी दी जाएगी. उसके लिए सबसे पहले विभाग मास्टर ट्रेनर तैयार करेगा. जानकारी के अनुसार राज्य में 50 मास्टर ट्रेनर तैयार होंगे.पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा इसके लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे. इन मास्टर ट्रेनर को राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण लेने वाले मास्टर ट्रेनर में आईपीएस अधिकारियों से लेकर दूसरे पुलिसकर्मी भी शामिल होंगे.
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पुलिस विभाग की तरफ से जनवरी महीने से ही प्रशिक्षण दिलवाने की तैयारी की जा रही है. खास बात यह है कि इसमें महकमे की प्राथमिकता सबसे पहले इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर्स को प्रशिक्षण दिलवाने की है. इसके पीछे तर्क यह है कि इन्हीं के द्वारा तमाम मामलों की विवेचना की जाती है और केस डायरी तैयार की जाती है, जिसे कोर्ट में पेश करना होता है. ऐसे में सबसे पहले इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को नए कानून के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. हालांकि इसके बाद एएसआई और हेड कांस्टेबल से लेकर कांस्टेबल तक को भी नए कानून के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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पुलिसकर्मियों को दिए जाने वाला प्रशिक्षण करीब एक महीने तक का हो सकता है. पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता नीलेश भरणे ने बताया कि पुलिस विभाग की तरफ से प्रशिक्षण के लिए तैयारी की जा रही है और जल्द ही प्रशिक्षण की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी. हालांकि प्रशिक्षण के इस काम में कुछ वक्त लग सकता है, क्योंकि सबसे पहले मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षित होकर राज्य में आएंगे और उसके बाद यही मास्टर ट्रेनर प्रदेश के बाकी पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देने का काम करेंगे. जिससे नए कानून की जानकारी पुलिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को भी हो सकेगी. ताकि संशोधित कानून के आधार पर पुलिस तमाम आपराधिक मामलों में कार्रवाई को आगे बढ़ा सकें.