देहरादून: प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अभिभावकों का दबाव भी अपने बच्चों के परफॉर्मेंस और परीक्षा परिणाम में अंकों को लेकर बना रहता हैं. इसके लिए छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं, छात्रों को इस परीक्षा में बड़े-बड़े तनाव का सामना करना पड़ता है. साथ ही बच्चों पर अभिभावकों का खासा दबाव होने के कारण मानसिक तनाव की स्थिति बन जाती है, जिसे छात्रों और अभिभावकों को किस तरह से हैंडल करना चाहिए, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पुलिस विभाग के आलाधिकारियों से बात कर उनसे परीक्षा में तनाव मुक्त रहने का मंत्र जाना. साथ ही कुछ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किस तरह से उन्होंने बोर्ड में कम अंक पाकर भी इस बड़े मुकाम को हासिल किया. देखिए ये खास रिपोर्ट...
बच्चों को अंक बढ़ाने वाली मशीन न समझे अभिभावक: आईजी पुष्पक ज्योति
उत्तराखंड पुलिस विभाग में नियुक्ति देने जैसे बड़े कार्मिक पद पर तैनात आईजी पुष्पक ज्योति का मानना है कि बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उन्हें स्टूडेंट को नहीं, बल्कि उनके माता पिता को संदेश देना है. आईजी ज्योति के अनुसार, बच्चे प्रतिस्पर्धा के दौर में अपनी तैयारियां कर बेहतर परिणाम की हर संभव कोशिश करते हैं, लेकिन यहां समस्या अभिभावकों को लेकर सामने आती है. जो अपने बच्चों को आसपास के माहौल को देखकर अच्छे परिणाम के लिए भारी दबाव बनाते हैं, जिसे लेकर बच्चे अक्सर तनाव में आ जाते हैं.
वहीं, उन्होंने बताया कि अक्सर ऐसा देखा गया है अभिभावकों के प्रेशर में आकर बच्चा वो रिजल्ट नहीं दे पाता है जिसको लेकर उस पर निरंतर दबाव रहता है, जिसके बाद बच्चे डिप्रेशन में आकर गलत कदम उठा लेते हैं. अभिभावकों को अपने बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार कर उन्हें दिमागी तौर पर शांत और तनाव मुक्त बनाने का प्रयास करना चाहिए, जिससे वो बोर्ड पेपर को लेकर पहले बने हुए अपने प्रेशर को नियंत्रण में रखकर परीक्षा और प्रश्नपत्र को तैयारियों के मुताबिक आराम से कर सकें.