देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस ने कमर कस ली है. राजधानी देहरादून में पुलिस बाहरी लोगों के सत्यापन में जुट गई है. शहर में 27 लोगों की पहचान न मिलने पर चालान सहित जुर्माना वसूला गया. वहीं एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी भी मानते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि बाहर से लोग आकर बिना पहचान के यहां रहते हैं और पुलिस के पास उनका कोई वेरिफिकेशन नहीं होता है.
उत्तराखंड में आगामी 2022 विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही एक बार फिर मलिन बस्तियों से लेकर ग्रामीण और भीड़भाड़ वाले संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने सत्यापन कार्य तेज कर दिया है. संदिग्ध लोगों की पहचान को लेकर पुलिस कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.पुलिस की 6 टीमें सत्यापन कार्य में लगी हुई हैं. देहरादून में इसकी शुरूआत सबसे पहले कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत घनी आबादी वाले बिंदाल पुल समीप बस्तियों में रहने वाले किरायेदारों से की गई.
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इस दौरान पुलिस की कई टीमों ने 180 मकानों को चेक किया. वहीं, 27 मकान मकानों में रहने वाले लोगों के कोई पहचान और सत्यापन न मिलने पर जुर्माने की कार्रवाई की गई. एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी भी मानते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि बाहर से लोग आकर बिना पहचान के यहां रहते हैं और पुलिस के पास उनका कोई वेरिफिकेशन नहीं होता है. इसी को देखते हुए अब देहरादून के कुछ स्थान चिन्हित किए गया हैं, जहां लगातार सत्यापन की कार्रवाई तत्परता से जारी रहेगी.
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जानकारी के मुताबिक, देहरादून के कई ऐसे बस्तियों और घनी आबादी वाले मलिन क्षेत्रों में पड़ोसी देशों के संदिग्ध लोग की पहचान छुपाकर रहने की एक बार फिर शिकायतें मिल रही हैं. ऐसे में सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस प्रशासन द्वारा महिला और पुरुष पीएससी कंपनियों की टीमों के साथ ही 6 टीमें में सत्यापन की कार्रवाई के लिए पूरे जिले में नियुक्त किया गया है.
बता दें कि बीते दो साल पहले पटेल नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कारगी-बंजारावाला नदी किनारे मलिन इलाके में सैकड़ों की तादात में रोहिंग्या के रहने का मामला सामने आया था. जिसके मद्देनजर पुलिस अब सतर्कता बरत रही है.