देहरादूनःउत्तराखंड में होनहार खिलाड़ियों के लिए खुशी की खबर है. राज्य के पुलिस विभाग में स्पोर्ट्स कोटे की भर्ती प्रक्रिया को बदलने के बाद 11 साल का सूखा जल्द ही खत्म होने जा रहा है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी मिलने के बाद पुलिस विभाग द्वारा खेल कोटे की भर्ती नियमावली आंशिक संशोधन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. ऐसे में शासन स्तर पर जल्द ही स्पोर्ट्स कोटे की पॉलिसी में पुलिस के स्पोर्ट्स कोटे में बंपर भर्तियां होने की राह आसान होने की उम्मीद जगी है.
उत्तराखंड सरकार की पॉलिसी के मुताबिक पुलिस विभाग के स्पोर्ट्स कोटे की भर्ती लंबी-चौड़ी और जटिल होने के कारण साल 2011 से खेल कोटे की भर्तियां बंद है. हालांकि, साल 2016 में स्पोर्ट्स कोटे की पॉलिसी में संशोधन कर इसे सरल बनाने की कवायद शुरू हुई थी. लेकिन, वह अब तक परवान नहीं चढ़ सकी. ऐसे में पिछले दिनों सीएम की इस विषय में मंजूरी मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय ने शासन को स्पोर्ट्स कोटा भर्ती प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए पॉलिसी में आंशिक संशोधन प्रस्ताव भेजा है. ऐसे में अगर शासन से जल्द ही हरी झंडी मिलती है तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे के तहत नौकरी दी जाएगी.
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स्पोर्ट्स कोटे की भर्ती प्रक्रिया में संशोधन की मांगः पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य गठन से लेकर वर्तमान समय तक स्पोर्ट्स कोटे के तहत सीधी भर्ती करने की प्रक्रिया तकनीकी कारणों से काफी लंबी-चौड़ी और जटिल मानी जाती रही है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स कोटे के तहत नौकरी देने का प्रावधान तो है, लेकिन इस विषय में जिले स्तर से चलने वाली भर्ती प्रक्रिया की फाइल निचले स्तर के अलग-अलग पड़ाव को पार कर बमुश्किल सीएम कार्यालय तक अनुमोदन के लिए पहुंचती है. इस पूरी प्रक्रिया में फंसे पेंच के चलते 11 सालों से भर्तियां अधर में लटकी हैं.
आंशिक संशोधन की मांगःस्पोर्ट्स कोटे की भर्ती प्रक्रिया में मुख्य तौर पर दो आंशिक संशोधन की मांग रखी गई है. पहली यह कि प्रक्रिया को सरल करने के लिए जिला SSP और DIG रेंज स्तर पर समीक्षा कर फाइल मुख्यालय को भेजी जाए. दूसरे संशोधन में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी सीनियर के साथ ही जूनियर वर्ग के मेडल विजेता को भी पुलिस में कांस्टेबल पद पर सीधी भर्ती करने की अनुमति दी जाए. ताकि खेल कोटे की भर्तियों की संख्या में इजाफा हो सके और जूनियर होनहार खिलाड़ियों का भविष्य भी आगे बढ़ सके.