उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून होगा सख्त, संगीन अपराध की श्रेणी में दर्ज होंगे मामले - कानून संशोधन प्रस्ताव शासन को भेजा

धर्मांतरण के मामलों को गंभीर अपराध की श्रेणी में शामिल करने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को प्रस्ताव भेजा है. प्रस्ताव पास होने पर ऐसे मामलों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 10 साल की सजा हो जाएगी.

dehradun
देहरादून

By

Published : Oct 8, 2021, 4:39 PM IST

देहरादूनःयूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी धर्मांतरण कानून को मजबूत करने की कवायद शासन स्तर पर शुरू कर दी गई है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देश पर पुलिस मुख्यालय द्वारा पहले ही प्रस्ताव बनाकर गृह विभाग को भेजा गया है. ऐसे में इस विषय पर शासन से हरी झंडी मिलते ही जबरन धर्मांतरण प्रकरण को संगीन अपराध की श्रेणी में शामिल किया जाएगा.

अवैध धर्मांतरण यानी जो अपराध पहले केवल पुलिस तक शिकायत दर्ज कर कम सजा वाली धाराओं में आता था, अब उसको संज्ञेय अपराध मानकर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर 10 साल की सजा में लाया जा सकता है. बता दें कि अभी तक उत्तराखंड में धर्मांतरण जैसे मामले शिकायत के तौर पर दर्ज कर हल्के मामलों तक सीमित थे. लेकिन अब इस अपराध को संगीन धाराओं में लाकर मजबूत बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है.

धर्मांतरण कानून होगा सख्त

बता दें कि उत्तराखंड में साल 2018 में धर्मांतरण को लेकर कानून बनाया गया था, जिसके तहत धर्मांतरण की शिकायत कम सजा वाली धारा के रूप में दर्ज होती थी. लेकिन अब इस कानून पर संशोधन कर इसे संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान लाने का प्रक्रिया चल रही है.

ये भी पढ़ेंः देहरादून में व्यापारी को लूटने आए दो बदमाश सहारनपुर से अरेस्ट, कंट्री मेड तमंचे, जिंदा कारतूस बरामद

धर्मांतरण कानून पर केस दर्ज करने की स्थिति साफ नहींः उत्तराखंड में साल 2018 में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनाया गया था. इसमें जबरन धर्म परिवर्तन पर मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है. फिलहाल यह हल्की धाराओं में केवल शिकायत के रूप में दर्ज करने तक ही सीमित है. जानकारी के मुताबिक अभी तक हरिद्वार और देहरादून के पटेलनगर में धर्मांतरण के दो मुकदमे दर्ज हैं. दोनों ही मुकदमों पर कोई कड़ी कार्रवाई अभी तक सामने नहीं आई है. वहीं, दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में अभी तक यह कानून बनने के बाद कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं, इसकी स्थिति भी साफ नहीं है.

सीएम के निर्देश पर प्रस्ताव शासन को भेजा: उधर उत्तराखंड में यूपी की तर्ज पर धर्मांतरण परिवर्तन कानून को सख्त करने के मामले में पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता व अपराध व कानून व्यवस्था एसपी श्वेता चौबे ने बताया कि सीएम के निर्देश मुताबिक राज्य में लागू धर्म स्वतंत्रता 2018 अधिनियम में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संशोधन प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है. श्वेता चौबे के मुताबिक पहले धर्मांतरण के मामले की शिकायत मामूली धारा के रूप में दर्ज होती थी. लेकिन अधिनियम संशोधन होने के बाद ऐसे मामलों में संगीन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः देहरादून में चरस के साथ दो तस्कर गिरफ्तार, डेढ़ लाख का माल बरामद

धर्मांतरण कानून को सख्त बनाने के लिए सीएम ने दिए निर्देशःजानकारी के मुताबिक 8 सितंबर 2021 को सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा पुलिस मुख्यालय पहुंचकर आला अधिकारियों से धर्मांतरण कानून के विषय में विस्तृत चर्चा की गई थी. इस दौरान सीएम द्वारा उत्तराखंड में आवश्यकता मुताबिक धर्मांतरण कानून को सख्त बनाने का मसौदा तैयार करने का आदेश दिया गया था. ताकि लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे मामलों पर शिकंजा कसा जा सके.

सीएम के इसी आदेश के मुताबिक पुलिस मुख्यालय द्वारा बीते 1 अक्टूबर 2021 को धर्मांतरण कानून में संशोधन कर इसे सख्त और संगीन धाराओं में लाने का खाका तैयार कर प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा गया है. हालांकि, अभी तक गृह विभाग की ओर से इसमें निर्णय सामने नहीं आया है. लेकिन संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही उत्तराखंड धर्मांतरण का कानून यूपी की तर्ज पर सख्त कर दिया जाएगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details