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धरने पर बैठे शिफन कोर्ट के बेघर परिवारों को पुलिस जबरन हटाया, हुई नोकझोंक

मसूरी रोपवे के अपर टर्मिनल प्वॉइंट शिफन कोर्ट में रोपवे निर्माण कंपनी के गेट लगाने पर स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया. मौके पर पुलिस और लोगों के बीच नोकझोंक भी हुई. इसके बाद लोग धरने पर बैठ गए.

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मसूरी

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Published : Jan 12, 2021, 10:05 PM IST

मसूरी: शिफन कोर्ट से बेघर हुए 84 परिवारों ने मंगलवार को मसूरी-पुरुकुल रोपवे की जगह पर धरना दिया. जिन्हें हटाने के लिए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंचे थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटान के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन जब वो नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक हटाया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.

शिफन कोर्ट के बेघर परिवारों को पुलिस जबरन हटाया.

मसूरी सीओ नरेंद्र पंत ने कहा कि शिफन कोर्ट की भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है. ऐसे में वहां पर कुछ असामाजिक तत्व महौल खराब करने की कोशिश कर रहे है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुरुकुल-मसूरी रोपवे के कार्य को शुरू कराया गया है.सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में तीन लोगों संपत्ति लाल, मदन भट्ट और बृजमोहन के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 151 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने शहीद स्थल पर धरना दिया. इस दौरान उन्होंने मसूरी विधायक गणेश जोशी और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि दोनों जनप्रतिनिधियों ने उनको धोखा देने का काम किया है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आने वाले चुनाव में इन दोनों जनप्रतिनिधियों को जवाब दिया जाएगा.

सरकार और प्रशासन भू-माफियाओं के हाथ की कठपुतली बनकर रह गया है. करोड़ों रुपए लगाकर देहरादून मसूरी पुरकुल रोपवे तैयार किया जा रहा है, लेकिन 84 परिवारों के पुनर्वास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया.

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