देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता मर्डर केस (famous ankita murder case) के साथ ही केदार सिंह भंडारी मिसिंग केस भी काफी समय से चर्चाओं में है. अब तक इस केस में तीन जांच अधिकारी बदले गये है, मगर मामले का अभी तक कुछ भी पता नहीं लग पाया है. इस मामले में पुलिस अपनी ही जांच में उलझती नजर आ रही है.
केदार भंडारी मिसिंग केस में 4 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. इस दौरान दो जांच अधिकारी बदल कर वर्तमान में तीसरे जांच अधिकारी के रूप में ऋषिकेश डिप्टी एसपी को इन्वेस्टिगेशन सौंपी गई है. अब तक जांच टीम इस केस से जुड़ी किसी भी अहम कड़ी तक नहीं पहुंच पाई है. चर्चा यहां तक है की केदार सिंह भंडारी के घर वालों को अभी तक विश्वास में लेकर सामंजस्य बना पुलिस कार्यवाही तक नहीं कर पाई है. केदार सिंह भंडारी के माता पिता कई बार आरोप लगा चुके हैं कि पुलिस का कोई भी अधिकारी उनसे मिलने तक नहीं पहुंचा. इस केस में पुलिस को जिन सवालों के जवाब ढूंढने हैं वह खुद पुलिस के ही ऊपर लगे हैं. ऐसे में इस केस से जुड़ी जांच में इतनी देरी होने के साथ-साथ जांच अधिकारी का बार-बार बदल जाना पुलिस की जांच और उसकी साख पर सवालिया निशान खड़ा करती हैं.
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जल्द ही केस निस्तारण किया जाएगा: मामले में राज्य अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभा रहे ADG, LO डॉ वी.मुरुगेशन ने कहा मामले में जांच की जा रही है. किन्हीं कारणों से दो जांच अधिकारी बदले गये हैं. अब वर्तमान में ऋषिकेश डिप्टी एसपी को जांच सौंपी गई है. केदार भंडारी के माता-पिता परिजनों से लगातार पुलिस संपर्क कर जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है. उम्मीद है जल्दी इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठ किसको वर्कआउट कर दिया जाएगा.
घर से अग्निवीर बनने निकला था केदारःउत्तरकाशी जिले के धौंतरी पट्टी के चौड़ियाट गांव के रहने वाले लक्ष्मण सिंह का 19 वर्षीय बेटा केदार सिंह भंडारी बीती 18 अगस्त को अग्निवीर भर्ती के लिए कोटद्वार गया था. 20 अगस्त तक केदार भंडारी अपने घरवालों से लगातार बातें करता रहा, लेकिन 21 अगस्त से 22 अगस्त तक केदार और उसके परिवार के बीच कोई संपर्क नहीं हो पाया. दो दिन बीत जाने पर परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी कि आखिर उनका बेटा कहां है?