Kamlesh Dhawan Murder केस का खुलासा. देहरादून: पटेलनगर थाना क्षेत्र के भंडारी बाग में बीते चार मार्च को लूटपाट और बुजुर्ग महिला के हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने इस मामले में महेंद्र सिंह मेहता नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो अल्मोड़ा जिले का रहने वाला है. इस लूट और हत्याकांड का 11 मार्च को एसएसपी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने खुलासा कर दिया.
देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुंवर की माने तो लूट और हत्याकांड के इस केस की छानबीन के लिए पुलिस की सात टीमें लगाई गई थी. इसके साथ इलाके में लगे करीब 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिसके बाद ही पुलिस आरोपी महेंद्र सिंह मेहता को चिन्हित कर पाई.
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पुलिस ने बताया कि आरोपी महेंद्र होटल में काम करता था, लेकिन पिछले साल दिसंबर में उसकी नौकरी छूट गई थी. महेंद्र नशे का आदी है और नशे की जरुरतों को पूरा करने के लिए उसे पैसे की जरूरत पड़ती है. इसीलिए उसने भंडारी बाग में रहने वाला बुजुर्ग महिला का निशाना बनाया.
पुलिस के मुताबिक आरोपी महेंद्र ने वारदात को अंजाम देने से पहले बुजुर्ग महिला के घर की रेकी और इसके बाद घर में घूसकर लूटपाट और फिर महिला की हत्या कर दी. पुलिस ने अनुसार चार मार्च को विनीता ध्यानी ने इस मामले में पुलिस को एक तहरीर दी थी.
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विनीता ध्यानी ने बताया था कि उनकी माता कमलेश धवन भंडारी बाग में अकेली रहती है. पीड़िता की बड़ी बहन और भतीजी रोज सुबह शाम उनसे फोन पर बात करते थे, लेकिन 3 मार्च की रात और 4 मार्च की सुबह लगातार फोन करने पर फोन नहीं उठाया तो उन्हें कुछ आशंका हुई. उन्होंने घर के सामने स्थित दर्जी को फोन किया और मां के बारे में पता करने को कहा.
दर्जी जब कमलेश धवन के घर में गया तो वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए, क्योंकि कमलेश धवन की खून से लथपथ लाश फ्रिज के बगल में पड़ी हुई थी. किसी धारदार हथियार से कमलेश धवन का गला काटा गया था. कमलेश धवन के हत्या की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की.
150 लोगों की हुई पूछताछ: पुलिस ने एक तरफ जहां 200 कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो वहीं करीब 150 लोगों से पूछताछ भी की. इस दौरान एक सीसीटीवी फुटेज पर पुलिस की नजर पड़ी, जिसमें दो मार्च को दिखा एक व्यक्ति पुलिस को संदिग्ध लगा. पुलिस ने जब पूरा सीसीटीवी फुटेज देखा तो वो व्यक्ति दो मार्च की शाम को कमलेश धवन के घर में गया था और करीब 12 मिनट बाद बाहर आया था.
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इसके बाद पुलिस ने देहराखास से संदिग्ध महेन्द्र सिंह मेहता को गिरफ्तार किया. इसके बाद जब पुलिस ने महेन्द्र सिंह मेहता से पूछताछ शुरू की तो उसने सारी सच्चाई उगल दी. पुलिस ने बताया कि मेहता पिछले 12 सालों से चुक्खु मोहल्ले देहरादून में रह रहा है और होटल हेरिटेज में बतौर मैनेजर काम करता था. लेकिन कोरोना काल के बाद होटल के काम में काफी कमी आ जाने के कारण पिछले साल दिसंबर में उसकी नौकरी चली गई.
आरोपी के नशे की लत से परेशान होकर पत्नी और बच्चे भी उसके छोड़कर मुंबई चले गए थे. वर्तमान में आरोपी देहराखास मे अपनी बहन प्रीति के मकान में रहता है. आर्थिक स्थिति अच्छी न होने एवं कर्जा अधिक होने के कारण काफी परेशान रहने लग गया था. कुछ दिनो पहले आरोपी को मुस्लिम कॉलोनी के पास एक मकान का पता चला, जिसमें एक वृद्ध महिला अकेली रहती थी. दो मार्च को मुस्लिम कॉलोनी के सामने शिवराम उनियाल स्कूल के पास आया तो देखा कि मकान में महिला अकेली बैठी थी, जिसके बाद आरोपी बहाने से अंदर गया और महिला से बातचीत करने लगा.
बातचीत के दौरान वृद्ध महिला को अपने झांसे में लेकर उनके संबंध में जानकारी की तो पता चला कि आजकल वृद्ध महिला अकेली रह रही है और अहसास हुआ कि वृद्ध महिला के पास काफी जेवरात एवं गदी मिल सकती है. हालांकि तब तो आरोपी वहां से चला गया, लेकिन अगले दिन तीन मार्च को दोपहर के समय लोगों की आवाजाही कम रहती है. इसलिए मौका देखकर आरोपी तुरंत वृद्ध महिला के घर में घुस गया. वृद्ध महिला से बातचीत के दौरान उससे पीने के लिये पानी मांगा. जैसे ही वृद्ध महिला अंदर से पानी लेकर बाहर आने लगी उसे किचन के पास पकड़ लिया, जिस पर वह चिल्लाने लगी.
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आरोपी ने उसे काफी धमकाने की कोशिश की पर जब वह चुप नहीं हुई तो अपने पास रखे चाकू से उसकी गर्दन पर वार कर दिया, जिससे वह मौके पर ही नीचे गिर गयी और उसकी गर्दन से काफी खून निकलने लगा. आपसी खींचातानी के दौरान किचन में फ्रिज और टेबल पर रखा सामान नीचे बिखर गया और फ्रिज के ऊपर रखे वाईफाई का कनेक्शन भी टूट गया.
आरोपी को जब इत्मीनान हो गया कि वृद्ध महिला मर चुकी है, तब वृद्ध महिला के कमरो की तलाशी शुरू की तो कोई भी जेवरात नहीं मिले. कमरे में रखी एक अटैची के अंदर से एक काले रंग का पर्स मिला. जिसमें कैंटीन कार्ड और गाड़ी के कागजात और दूसरे पर्स से 4-5 हजार रुपये रखे थे. वहीं, घटना का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को आईजी गढ़वाल द्वारा 40 हजार और एसएसपी देहरादून द्वारा 25 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा की गई है.