हरिद्वार:श्रद्धा और आस्था का कांवड़ मेला अंतिम चरण में है. कांवड़ मेले की शुरुआत पैदल कांवड़ियों के साथ हुई थी जो अब धीरे-धीरे डाक कांवड़ में बदलता जा रहा है. यानि डाक कांवड़ शुरू हो चुकी है. डाक कांवड़ में कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर निश्चित समय में अपने गंतव्य तक जाते हैं. मार्ग पर गाड़ियों और सीटियों की आवाज तथा बम-बम भोलेनाथ की आवाज ही सुनाई दे रही है.
पुलिस प्रशासन द्वारा डाक कांवड़ के लिए एहतियातन कदम उठाये गए हैं और पूरे मार्ग पर पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. डाक कांवड़ में जल लेकर जाने वाले कांवड़िये शिवरात्रि पर अपने गंतव्य पहुंचकर गंगाजल से भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे.
हरिद्वार में सावन में कांवड़ियों का मेला लगता है. कांवड़ मेले के दो दौर प्रमुख हैं, जिसमें एक पैदल कांवड़ और दूसरा डाक कांवड़ का है. डाक कांवड़ में कांवड़िया निश्चित समय में कांवड़ ले जाते हैं. शिवभक्त जब हरिद्वार से कांवड़ उठाता है और जब कांवड़ लेकर चलता है तो फिर रास्ते में कहीं रुकते नहीं हैं. कांवड़ियों का मानना है कि कांवड़ ले जाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
डाक कांवड़ को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्क है. डाक कांवड़ में कांवड़ियों के आने की संख्या लगातार बढ़ रही है. बड़ी संख्या में डाक कांवड़ पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा डाक कांवड़ के वाहनों के पार्किंग की अनेक स्थानों पर व्यवस्था की गयी है.