देहरादून: भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने और उसे आमजन के बीच लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं के जीवन से जुड़ी प्रेरक कहानियां अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक 'नमो एप' पर उपलब्ध होंगी. प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी और कहा कि इसके लिए इस एप पर 'कमल पुष्प' नाम से एक खंड बनाया गया है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानी पंडित देवेंद्र शास्त्री और एस मल्लिकार्जुनैया द्वारा किए गए कार्यों की झलकियां साझा कीं. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 'उत्तराखंड के स्वतंत्रता सेनानी पंडित देवेंद्र शास्त्री जी जीवन भर राजनीति के प्रतीक रहे हैं.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि नमो एप में 'कमल पुष्प' नाम का एक खंड है, जो जनसंघ से लेकर वर्तमान तक पार्टी की विचारधारा को लोकप्रिय बनाने वाले कार्यकर्ताओं की प्रेरक कहानियों के बारे में जानने और उसे साझा करने का मौका देता है.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के आशीर्वाद से भाजपा को कई राज्यों और केंद्र में सेवा करने का अवसर मिला है. उन्होंने कहा, लोगों के इस विश्वास के पीछे एक प्रमुख कारण कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों द्वारा निभाई गई तारकीय भूमिका है, जिन्होंने अपना समर्पण किया है.
कौन हैं पंडित देवेंद्र शास्त्री: जनसंघ के सह-संस्थापक देवेंद्र शास्त्री 1953 के कश्मीर बचाओ आंदोलन में भाग लेने के कारण तीन महीने बिजनौर, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कैद में रहे. 1977 में आपातकाल के बाद वह देहरादून से विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए. साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का उपाध्यक्ष और उत्तरांचल प्रदेश संघर्ष समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. बाद में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी बने. पंडित देवेंद्र शास्त्री जीवन भर अपनी नि:स्वार्थ सेवा और राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते थे.
हमेशा अन्याय और तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज उठाई:1936 में अपने युवा दिनों से एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में पंडित देवेंद्र शास्त्री ने हमेशा अन्याय और तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज उठाई थी. 1947 में भी उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए अपने जीवन पर बहुत बड़ा व्यक्तिगत जोखिम उठाया था कि शेखपुरा, लायलपुर, जो पाकिस्तानी पंजाब का हिस्सा बन गया था, वहां से हिंदुओं को सुरक्षित कैसे निकाला जाए. 1951 में जनसंघ के सह-संस्थापक होने के नाते उन्होंने कई जनसमर्थक गतिविधियां कीं. जिससे उन्हें अपार लोकप्रियता और सद्भावना प्राप्त हुई. श्रमदान की सहायता से उन्होंने हरिद्वार के भगवानपुर गांव में एक सिंचाई नहर का निर्माण करवाया, जिसका उद्घाटन बाद में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया.
कश्मीर बचाओ आंदोलन में भाग लिया: 1953 के कश्मीर बचाओ आंदोलन में भाग लेने के बाद देवेंद्र शास्त्री को गिरफ्तारी के बाद तीन महीने बिजनौर, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में कैद में रहना पड़ा था. 1951 और 1977 के बीच देवेंद्र शास्त्री ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए संगठन मंत्री के रूप में भी काम किया था.
आपातकाल के बाद विधानसभा सदस्य बने: 1977 में आपातकाल के बाद वह देहरादून से विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए. साथ ही उन्हें उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का उपाध्यक्ष और उत्तरांचल प्रदेश संघर्ष समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. बाद में, वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी बने. उससे पहले जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी के आजीवन सदस्य बने रहे. आम लोगों के मुद्दों को उठाने के साथ-साथ विभिन्न स्थानों पर अलग उत्तरांचल राज्य के अभियान का नेतृत्व करने के लिए उन्हें लगभग 3 साल तक जेल में भी रखा गया था. पंडित देवेंद्र शास्त्री जीवन भर अपनी राजसी राजनीति, निस्वार्थ सेवा और राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते थे.