देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) एक बार फिर से दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड आ रहे हैं. पीएम 21 और 22 अक्टूबर को उत्तराखंड में रहेंगे. इस दौरान मोदी बदरीनाथ और केदारनाथ में पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी दोनों धामों में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करेंगे. इसके साथ ही इस बार पीएम मोदी भारत-चीन बॉर्डर से लगे अंतिम गांव माणा भी पहुंचेंगे. जहां से वे देश को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी का ये संबोधन कई मायनों में खास होने वाला है. पीएम मोदी अब तक 5 बार केदारनाथ और एक बार बदरीनाथ धाम का दौरा कर चुके हैं.
देवभूमि से चीन को संदेश: जब पीएम मोदी भारत-चीन बॉर्डर से देश को संबोधित कर रहे होंगे तो ना केवल भारत, बल्कि चीन भी उनके संबोधन पर नजरें बनाकर रखेगा. प्रधानमंत्री मोदी भी शायद यही चाहते हैं कि देश के अंतिम गांव और चीन की बाउंड्री पर खड़े होकर यह बताने की कोशिश करें कि हमारे बॉर्डर हमारी सेना के हाथों में सुरक्षित है.
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पहले केदारनाथ के दर्शन करेंगे पीएम मोदी:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 अक्टूबर को उत्तराखंड पहुंच रहे हैं. बीते साल भी पीएम मोदी केदारनाथ में पूजा अर्चना और अनुष्ठान करने के लिए पहुंचे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का केदारनाथ या यह कहें कि उत्तराखंड से गहरा नाता है. जब पीएम मोदी राजनीति की पाठशाला में एक छात्र के तौर पर राजनीति के गुर सीख रहे थे तब से वे उत्तराखंड आते रहे हैं. वह कई बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं.
पीएम मोदी उत्तराखंड दौरे पर सबसे पहले केदारनाथ के दर्शन करेंगे. यहां वे अनुष्ठान में हिस्सा लेंगे. साथ ही शंकराचार्य समाधि स्थल पर भी वह समय बिताएंगे. केदारनाथ में एक साल में कितना कार्य हुआ है, इसका भी पीएम मोदी स्थलीय निरीक्षण करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दौरे के दौरान केदारनाथ रोपवे की आधारशिला भी रखेंगे. साथ ही पीएम मोदी हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे तक पहुंचने वाले रोपवे का भी पीएम मोदी शिलान्यास करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदरीनाथ का रुख करेंगे. यहां पर पीएम मोदी भगवान बदरी विशाल के दर्शन करेंगे. वे इस दिन रात्रि विश्राम भी बदरीनाथ में ही करेंगे.
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22 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. इस दिन पीएम मोदी भारत-चीन सीमा के सीमावर्ती गांव नीति माणा भी पहुंचेंगे. नीति माणा गांव सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. यहां भोटिया जनजाति के लोग साल के 8 महीने रहते हैं. बदरीनाथ के कपाट बंद होने के बाद वह यहां से नीचे चले जाते हैं.
पीएम मोदी इस गांव से देश को संबोधित करेंगे. देश के अंतिम गांव से संदेश देने का सबसे बड़ा कारण है कि पड़ोसी देश चीन को साफ संदेश दिया जा सके कि हमारे गांव और हमारी सीमाएं बेहद सुरक्षित हैं. यहां तैनात सैनिक हर मौसम हर दिन 12 महीने सीमाओं की रक्षा के लिए मुस्तैदी से खड़े हैं.
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चीन सीमा से खाली होते गांव को होगा फायदा?:केंद्र सरकार सीमावर्ती गांव के लिए एक योजना शुरू करने जा रही है. ये योजना हिम प्रहरी नाम से शुरू होगी. इस योजना के शुरू होने के बाद से जो राज्य दूसरे देशों की सीमा से जुड़े हुए हैं, उसमें पलायन रोकने का काम किया जाएगा. मालूम हो कि चीन लगातार डोकलाम हो या फिर उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों पर कई बार घुसपैठ की हरकत कर चुका है.