चारधाम यात्रा रूट पर प्लास्टिक बैन. देहरादूनःउत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 शुरू होने जा रही है. चारधाम यात्रा मार्ग पर 27 छोटे-बड़े शहर पड़ते हैं. जहां यात्रा सीजन में काफी चहल पहल रहती है. यात्रा के दौरान सामान्य रूप से ज्यादा दबाव होने की वजह से इन शहरों में सफाई व्यवस्था पर भी असर पड़ता है. लिहाजा, इस बार चारधाम यात्रा मार्ग पर प्लास्टिक पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है. साथ ही सरकार ने यात्रियों से गंदगी को नदियों में न फेंकने की अपील की है.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो रही है. पिछले साल यात्रा सीजन में पुराने सभी रिकॉर्ड टूटे थे. करीब 50 लाख यात्री चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचे. इस बार भी यात्रा रूट पर मौजूद इन शहरों में और अधिक दबाव की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में अभी से ही सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की जा रही है. ताकि, यात्रा सीजन में अव्यवस्थाओं का सामना न करना पड़े. शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि शहरी विकास विभाग जल्द ही अपनी नई रणनीति पर काम करेगा. यात्रा रूट पर पड़ने वाले इन शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर व्यापक प्लान तैयार करेगा.
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शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का साफ कहना है कि चारधाम यात्रा रूट पर पड़ने वाले सभी 27 छोटे-बड़े शहरों में इस यात्रा सीजन के दौरान प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित रखा जाएगा. साथ ही प्लास्टिक प्रतिबंध को प्रभावी रूप से धरातल पर उतारने के लिए इसके लिए मैन पावर की व्यवस्था करनी पड़ी तो उसको भी किया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने बताया कि यात्रा रूट पर पड़ने वाले सभी 27 शहरों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर के पहले से ही काम चल रहा है. यात्रा सीजन के दौरान दबाव बढ़ने पर शहरी विकास विभाग की ओर से अतिरिक्त व्यवस्था भी की जाएगी.
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वहीं, इसके अलावा इन्हें चारों धामों के मार्गों पर बहने वाली नदियों को लेकर भी शहरी विकास विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है. बीते साल जिस तरह से तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर नदियों में कूड़ा डालने के वायरल हुए थे, उन्हें देखते हुए इस बार शहरी विकास विभाग पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रहा है. नदियों में किसी भी तरह की गंदगी न डाली जाए, इसके लिए तमाम इंतजामात किए जा रहे हैं. बता दें कि बीते साल यात्रा सीजन में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए थे. इतना ही नहीं हिमालय में बसे केदारनाथ में प्लास्टिक कचरा का अंबार देखने को मिला था. यही वजह है कि अभी से प्लास्टिक पर रोक लगाने की कवायद की जा रही है.
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