देहरादून:पुलिस लाइन में वर्ष 2016 में एक सिटी बस को सीज करने की कार्रवाई की गई थी, वर्तमान समय में बस में पड़े-पड़े घास, पेड़ और पौधे उग गए हैं. यह देखते हुए भी पुलिस प्रशासन ने इसको न तो नीलाम किया, न बस की ओर ध्यान दिया और न ही बस के मालिक को बस रिलीज की है. अब सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष ने मांग करते हुए कहा कि इस पर उचित कार्रवाई की जाए और जो दोषी अधिकारी हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही बस मालिक को न्याय दिलाया जाए.
बता दें कि, पुलिस विभाग की ओर से मामले की जांच 2019 में हो चुकी है, लेकिन पुलिस ने सिटी बस को रिलीज नहीं किया है. जिससे सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष में आक्रोश देखा जा रहा है.
बता दें कि, 2016 में पुलिस विभाग ने इस बस को सीज किया था, लेकिन इस पर सवाल खड़े करते हुए सिटी बस के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने कहां की पुलिस को वर्दी के लिहाज से संयम बना कर रखना चाहिए. जिसका पुलिस को ज्ञान नहीं है. उस पर पुलिस को ज्ञान नहीं बांटना चाहिए. जिसमें पुलिस को चालान काटने का अधिकार नहीं है. उन धाराओं में पुलिस प्रशासन चालान काट रही है और मालिक का शोषण करके उसकी गाड़ी को सीज कर दिया गया. जब सिटी बस के मालिक द्वारा यूनियन को आग्रह किया गया कि वह उनकी मदद करें. तब उनके द्वारा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत की. इस संदर्भ में जब वहां से जांच आई तो सभी विभागों से जांच कराई गई. लेकिन जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
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सिटी बस यूनियन के अध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल ने बताया कि इस मामले में आरटीआई लगाई गई तो एसएसपी कार्यालय से बताया गया कि इस जांच को 2019 में कर दिया गई है. जबकि जो आदेश है वह 2018 में हुए थे. एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा होता है कि आखिर क्या जांच को पहले ही कर दिया गया था. उन्होंने साफ तौर पर पुलिस विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि कहीं न कहीं पुलिस विभाग इस जांच से आला अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस पर उचित कार्रवाई की जाए.