मसूरी: नगर पालिका परिषद मसूरी पर लगातार भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं. लोग प्रशासन और सरकार से शिकायत भी करते रहते हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. जिसका संज्ञान लेते हुए पूर्व में ललित मोहन काला की पीआईएल की सुनवाई करते हुए मैसोनिक लॉज पार्किंग के नाम पर बनाये आवास के आवंटन पर रोक लगा दी थी. उसकी अगली सुनवाई 8 जून को है.
सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप भंडारी ने दायर की पीआईएल: अब मसूरी में अंधाधुंध अवैध निर्माण एवं भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी प्रदीप भंडारी ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है. इसमें मसूरी नगर पालिका परिषद में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने की अपील की गई है. याचिका पर उच्च न्यायालय नैनीताल में 13 जून को सुनवाई होगी.
प्रदीप भंडारी ने बताया पीआईएल दायर करने का कारण: प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया कि नगर पालिका मसूरी में भ्रष्टाचार हो रहा है. नगर पालिका निरंकुश बनी हुई है. शासन में भी सुनवाई नहीं हो रही है. मसूरी हितैषी तमाम नागरिकों की दर्जनों शिकायतों के बावजूद शासन प्रशासन स्तर से कोई कार्रवाई नही हुई है. ऐसे में उनके पास उच्च न्यायालय की शरण में जाने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था.
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13 जून को होगी पीआईएल पर सुनवाई: प्रदीप भंडारी ने बताया कि याचिका में रोपवे, झूलाघर, मैसोनिक बस स्टैंड, झड़ीपानी गौशाला और राजमार्ग किंक्रेग पर पालिका द्वारा किए गए के अवैध निर्माण और लोकधन की बर्बादी के मामले को रखा गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने पूर्व में पंकज क्षेत्री द्वारा दायर एक अन्य जनहित याचिका को इसी याचिका के साथ जोड़ दिया है. जिसकी सुनवाई 13 जून को होगी.