देहरादून:देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से न सिर्फ देश की आर्थिकी को बड़ा नुकसान हुआ है, बल्कि देश के तमाम छोटे बड़े व्यापारियों, किसानों, मजदूरों को भी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. छोटे व्यापारियों में शामिल फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर पर भी इस लॉकडाउन की दोहरी मार पड़ी है. क्योंकि इनकी रोजी-रोटी के साधन सीमित और सीजन पर निर्भर करते हैं. ऐसे में फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर आखिर किस तरह अपनी गुजर-बसर कर रहे हैं? क्या है इनकी स्थिति? देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट..
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर की आय का मुख्य स्रोत शादी-विवाह, पार्टियां, प्रोग्राम शूटिंग आदि हैं. लेकिन वैश्विक महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच पार्टियों, प्रोग्राम की शूटिंग आदि पर रोक लगा दी गई है. हालांकि, शादी के लिए इजाजत तो मिल रही है लेकिन शादी के दौरान अधिकतम 50 लोग ही शामिल हो सकते हैं. ऐसे में कोई भी इन फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर को हायर नहीं कर रहा है. इसके चलते पिछले 3 महीने से फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर बेरोजगार घूम रहे हैं.
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर से चलतीं हैं तमाम अन्य लोगों की दुकानें
फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर की आय जहां शादी-विवाह और पार्टियां की शूटिंग आदि पर निर्भर होती है तो वहीं कई ऐसे व्यवसायी भी हैं, जिनकी आय इन फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर पर निर्भर करती है. क्योंकि, फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर सिर्फ फोटो खींचने और वीडियो बनाने तक ही सीमित रहते हैं. इसके बाद फोटोग्राफर फोटो को लैब में भेजता है, तो वहीं वीडियोग्राफर वीडियो को एडिटिंग लैब भेजता है. इससे इन लैब संचालकों की भी रोजी-रोटी चलती है. इसके साथ ही कैमरा रिपेयर करने वाले भी इन्हीं फोटोग्राफर और वीडियोग्राफर पर निर्भर रहते हैं.
वीडियोग्राफर अतुल बंसल के सामने खड़ी है बड़ी समस्या