देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने उत्तराखंड विधानसभा के निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ सतर्कता जांच के आदेश दिए हैं.
विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों के मामले में सरकार ने 25 सितंबर 2022 को मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया था. मुकेश सिंघल पर विधानसभा में 32 पदों की भर्तियों में लिखित परीक्षा कराने वाली एजेंसी को बिल जमा कराने के दो दिन के भीतर ही 59 लाख रुपये के भुगतान का भी आरोप है.
विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति: विधानसभा में भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है. आरोप है कि विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टाफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां नौकरी पर लगवाई गई हैं. यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है. इसके साथ ही मदन कौशिक के एक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा ने विधानसभा में नौकरी पाई है तो दूसरे की पत्नी आसानी से विधानसभा में नौकरी लेने में कामयाब हो गई.