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गैरसैंण में स्थायी एसडीआरएफ पोस्ट स्थापित, राहत एवं बचाव कार्य में आएगी तेजी - SDRF post established in gairsain

गैरसैंण ग्रीष्कालीन राजधानी घोषित होने के चलते चौपटिया गैरसैंण वाली बेल्ट को भी आपदा क्षेत्र में जोड़कर स्थायी एसडीआरएफ पोस्ट स्थापित कर दिया गया है.

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गैरसैंण में स्थायी एसडीआरएफ पोस्ट स्थापित

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Published : Jun 19, 2020, 1:16 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 2:07 PM IST

देहरादून: गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्कालीन राजधानी घोषित करने के बाद अब यहां स्थायी रूप से एसडीआरएफ पोस्ट स्थापित कर दी गई है. ताकि, पूरे गैरसैंण क्षेत्र में मॉनसून और प्राकृतिक आपदा के दौरान तत्काल राहत और बचाव कार्य को कार्यों को तेजी से अंजाम दिया जा सके.

गैरसैंण में स्थापित हुआ स्थायी SDRF पोस्ट

जानकारी के मुताबिक, हर साल चारधाम की यात्रा शुरू होने के साथ ही मॉनसून सीजन के दौरान 29 आपदा ग्रस्त इलाकों में SDRF पोस्ट स्थापित रहती थी. हालांकि, कुछ आपदा प्रभावित इलाके बढ़ने के चलते विगत वर्ष में SDRF क्विक रिस्पांस टीम के प्वाइंट बढ़ाकर 31 कर दिए गए थे, लेकिन अब गैरसैंण ग्रीष्कालीन राजधानी घोषित होने के चलते चौपटिया गैरसैंण वाली बेल्ट को भी आपदा क्षेत्र में जोड़कर स्थायी एसडीआरएफ पोस्ट स्थापित कर दिया गया है.

राहत एवं बचाव कार्य में आएगी तेजी.

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कोरोना की जंग के साथ आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में मुस्तेद SDRF टीम: डीजी

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना ड्यूटी में तैनात होने के बावजूद मॉनसून शुरू होने से पहले ही सभी पर्वतीय आपदाग्रस्त क्षेत्रों में एसडीआरएफ टीम को तैनात कर दिया गया है. इसके साथ ही चार धाम से जुड़े क्षेत्र में तत्काल रिस्पांस टीम के रूप में ऑपरेशन कार्रवाई के लिए एसडीआरएफ की टीम को तैनात कर दिया गया है.

मॉनसून से पहले आपदा से निपटने की तैयारी

उत्तराखंड के कई पहाड़ी क्षेत्र मॉनसून के समय आपदा से प्रभावित रहते हैं. ऐसे में एसडीआरएफ के विशेष दुकड़िया संबंधित आपदा ग्रस्त स्थानों पर पहुंचकर एहतियातन अपनी कार्रवाई में जुट गई है. डीजी अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना की जंग के साथ ही मॉनसून के दौरान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत बचाव कार्य को लेकर तैयारियां की गई है.

ये भी जानें

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के कई अलग-अलग पहलू भी हैं. पहला यह की गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के लिए कुछ आधारभूत विकास होने जरूरी थे जो कि धरातल पर दिखने शुरू हो गए हैं. जिनमें ट्रांसपोर्ट में अहम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल लाइन, गैरसैंण के भराड़ीसैंण में तमाम अवस्थापना सुविधाएं प्रमुख हैं.

इसका दूसरा पहलू राज्य आंदोलन के उन आंदोलनकारियों की भावनाओं से जुड़ा है जो गैरसैंण को पूर्णकालीन राजधानी के रूप में देखते थे, राज्य में आज भी कई ऐसे लोग जो गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि इसी साल मार्च में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद पूरे राज्य में इस फैसले का स्वागत हुआ था. वहीं, सीएम त्रिवेंद्र की इस घोषणा को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने स्वीकृति दे दी है.

Last Updated : Jun 19, 2020, 2:07 PM IST

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