देहरादून:सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों में बड़ी संख्या पैदल चलने वालों की होती है. ऐसे में राहगीरों के पीछे से आते वाहनों से टकरा जाने का भारी खतरा रहता है. अगर हम बात करें सड़क पर पैदल चल रहे राहगीरों के साथ हुए हादसे के बारे में तो साल 2020 में पैदल चलने वालों में से 37 की मृत्यु हो चुकी है और 39 राहगीर घायल हुए है. 2021 में अब तक कोई भी पैदल राहगीर किसी वाहन की चपेट में नहीं आया है.
यातायात पुलिस का भी मानना है की पैदल चल रहे राहगीरों के साथ होने वाले सड़क हादसों के कई कारण हो सकते हैं. इसमें अधिकतर वाहन चालकों की गलती होती है. जिसमें कई बार वाहन चालक अपना वाहन तेजी से चला रहा होता है या फिर शराब पीकर गाड़ी चला रहा होता है. कई बार वाहन चालक गलत साइड से गाड़ी चला देता है. इससे पैदल चल रहे राहगीर गाड़ियों की चपेट में आ जाते हैं और हादसे हो जाते हैं. कई बार राहगीरों की गलती से भी हादसे हो जाते हैं. यातायात के दिए गए संकेत पर राहगीर ध्यान नहीं देते हैं, तो वह सड़क हादसे का शिकार हो जाते हैं.
अगर बात करें सबसे अधिक सड़क हादसे कहां होते हैं तो, बता दें कि शहर के शिमला बाईपास पर सबसे अधिक सड़क हादसे होते हैं. इस सड़क पर दिन-रात खनन की गाड़ियां चलती हैं. वहीं, राजपुर रोड पर वाहन स्वामी शराब पीकर गाड़ियां चलाकर पैदल चलने वाले राहगीरों को अपने वाहन का शिकार बना देते हैं.