मसूरी:1994 के उत्तराखंड राज्य आंदोलन के सूत्रधार व 2 अगस्त 1994 को पौड़ी प्रेक्षागृह के सामने आमरण अनशन पर बैठकर राजनीतिक हलकों में खलबली मचाने वाले और उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले इंद्रमणि बडोनी की पुण्यतिथि पर मसूरी के सामाजिक संगठनों ने इद्रंमणि बडोनी चौक पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके द्वारा किए गए कार्याें को याद किया.
देवी गोदियाल ने कहा कि इंद्रमणि बडोनी जीवन के प्रारंभिक काल से सामाजिक परिवर्तन वाले व्यक्ति थे. उन दिनों टिहरी रियासत में प्रवेश करने के लिए चवन्नी टैक्स वसूले जाने का भी उनके द्वारा विरोध किया गया. वक्ताओं ने कहा कि जिस उत्तराखंड की कल्पना इंद्रमणि बडोनी ने की थी. वह उत्तराखंड नहीं बन पाया है. आज भी उत्तराखंड पहले की तरह अपेक्षित है. पहाड़ से पलायन के साथ-साथ गांव खाली हो गए हैं. शिक्षा का हाल बेहाल है. युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस दिशा में कोई भी सार्थक कार्य नहीं किए गए.