देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दौरान राज्य सरकार ने लोगों से अपील की थी कि वे बढ़-चढ़कर मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें. ताकि राज्य सरकार को कोविड-19 से लड़ने में आर्थिक सहायता मिल सके. जिसके तहत मुख्यमंत्री राहत कोष में 15 मार्च से लेकर 25 जून तक 154.56 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. जिसमें से राज्य सरकार ने कई मदों में अभी तक 85.60 करोड़ रुपए खर्च किये हैं.
शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किए गए पैसों का हिसाब पारदर्शी बना रहे इसे देखते हुए उत्तराखंड कैबिनेट में दो प्रस्ताव लाये गये हैं. जिसमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री राहत कोष के लेखा-जोखा के लिए वित्त विभाग के अधिकारी की मांग की गई थी, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा वित्त विभाग का अधिकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष के लेनदेन में पारदर्शिता रहेगी. साथ ही इससे हिसाब भी साफ रहेगा.
लोगों ने खुलकर मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया दान इसके साथ ही दूसरे प्रस्ताव के तहत सारी जानकारी मंत्रिमंडल के सम्मुख रखी गई थी कि अभी तक मुख्यमंत्री राहत कोष से कितनी धन राशि, किस-किस मद में खर्च की गई है.
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शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष में आने वाला फंड, अल्प वेतनभोगी, दैनिक वेतन भोगी, छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों, अधिकारियों, महानुभावों समेत तमाम सामाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, निगम शैक्षणिक संस्था, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, आम जनमानस आदि के द्वारा अपने इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार दिया गया है. 15 मार्च से लेकर 25 जून तक कुल 154.56 करोड़ रुपए की सहायता राशि प्राप्त हुई है.
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मुख्यमंत्री राहत कोष से खर्च की गई धनराशि
मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष से अभी तक 85.60 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. जिसमें से देहरादून जिलाधिकारी को 6.5 करोड़, हरिद्वार जिलाधिकारी को 4 करोड़, उधमसिंह नगर जिलाधिकारी को 5.5 करोड़, नैनीताल जिलाधिकारी को 6 करोड़, पिथौरागढ़ जिलाधिकारी को चार करोड़, इसके साथ ही टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा, बागेश्वर और चंपावत के जिलाधिकारियों को दो-दो करोड़ रुपए दिए गए हैं. यही नहीं चिकित्सा, स्वास्थ्य को 25 करोड़, निदेशक चिकित्सा शिक्षा को 10 करोड़, अपर स्थानीय आयुक्त को 50 लाख, पर्यटन विभाग को एक करोड़, परिवहन विभाग को 7 करोड़, एक कोरोना वॉरियर जिसकी मृत्यु हुई है उसके परिजनों को 10 लाख रुपए दिए गए हैं.
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कांग्रेस पर मदन कौशिक ने कसा तंज
वहीं, शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष के लेनदेन का विवरण की जानकारी इसलिए सार्वजनिक की गई है, क्योंकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने एक रुपया भी मुख्यमंत्री राहत कोष में नहीं दिया है. यही नहीं, कांग्रेस के विधायकों द्वारा सहायता राशि तब दी गयी जब कांग्रेस विधायकों की आलोचना होने लगी. साथ ही उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ ही कांग्रेस ने प्रधानमंत्री राहत कोष में भी कुछ नहीं दिया. फिर भी कांग्रेस इसका हिसाब मांग रही है.