देहरादून: पथरिया पीर इलाके में छह लोगों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है. लोगों के घरों में शुक्रवार शाम से चूल्हे नहीं जले. इस घटना के बाद पूरे इलाके में गम के साथ गुस्सा का माहौल है. गलियों में अभी भी सिसकियां सुनाई दे रही हैं. लोगों शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे है. रोते-बिलखते परिजन सरकार से न्याय की गुहार लगा रहे हैं.
पथरिया पीर इलाके में जहरीली शराब की वजह से बीते दो दिनों एक के बाद एक 6 अर्थिया उठी. वहीं कई लोगों अभी भी जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है. जिनका इलाज ऋषिकेश एम्स और देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में चल रहा है.
पढ़ें- शराब कांड: दून अस्पताल ने मरीज को भर्ती करने से किया मना, दे रहा यह तर्क
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि पुलिस पहले ही उनकी शिकायत पर अवैध शराब बेचने वालों पर कार्रवाई करती तो आज शायद उन्हें ये दिन नहीं देखने पड़ता. इतने लोगों की मौत नहीं होती. न तो किसी का जवान बेटा मरता और न ही किसी का सुहाग उजड़ता. इस घटना में मरने वाले सभी लोगों की उम्र 25 से 35 साल के बीच है.
पढ़ें- जहरीली शराब कांडः पथरिया पीर इलाके में पसरा मातम, मृतकों के परिवार को 10 लाख मुआवजे की मांग
कब सुधरेगा आबकारी विभाग और पुलिस?
हालांकि, 6 लोगों की मौते के बाद पुलिस और आबकारी विभाग एक बार फिर कुछ समय से लिए नींद से जाग गया है. आरोपियों की धरपकड़ में पुलिस और आबकारी विभाग की टीम जोर शोर के जुटी हुई है. हैरानी तो इस बात की है कि जिस इलाके में ये शराब का ये गोरखधंधा चल रहा था वहां से सचिवालय, राजभवन, पुलिस थाना और डीएम का आवास ज्यादा दूरी पर नहीं है. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई के नाम एक युवक को तो गिरफ्तार किया है, लेकिन बाकी के आरोपी कब पुलिस की गिरफ्त में आएंगे ये अभी कहना मुश्किल है. क्योंकि ये वो ही प्रशासन है जो हरिद्वार जिले में 45 लोगों की मौत के बाद भी नींद से नहीं जागा था. हरिद्वार जिले में इसी साल फरवरी में जहरीली शराब पीने से 45 ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.