उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम, ग्रामीणों ने अपने ईष्ट देवता को फूल अर्पित कर की सुख समृद्धि की कामना - वैशाख की संक्रांति

देहरादून के चकराता ब्लॉक में आयोजित, बिस्सू मेला एक विशाल मेला है जो जौनसारी जनजाति द्वारा मनाया जाता है. वैशाख की संक्राति के दिन इस विशेष पर्व को मनाया जाता है. दरअसल इस दिन चार माह के प्रवास के उपरांत पशुपालक अपने गांव पहुंचते हैं इस अवसर पर वे अपने देवी-देवताओं को पुष्प अर्पित कर उनकी पूजा करते हैं.

जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम
जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम

By

Published : Apr 15, 2023, 10:41 AM IST

Updated : Apr 15, 2023, 12:22 PM IST

जौनसार बावर में बिस्सू पर्व की धूम

विकासनगर:जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र में इन दिनों बिस्सू पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. लोग इस पर्व को लेकर एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं जो कि आपसी भाईचारे व सौहार्द का प्रतीक माना जाता है. अपनी अनूठी संस्कृति, रीति रिवाज, वेशभूषा और खानपान के लिए देश में अपनी अलग पहचान रखने वाले जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में हर तरफ शुभ पर्व की धूम है. अनेक गांवों में ग्रामीण गाजे-बाजे के साथ वैशाख की संक्रांति को ब्रह्म मुहूर्त में जंगलों से बुरांश के फूल लेकर आए और आराध्य देवताओं को मंदिर में जाकर अर्पित किए. इसके बाद बुरांश के पुष्पों से सजे गुलदस्तों से अपने घर सजाए.

पारंपरिक नृत्य का किया प्रदर्शन: चकराता से सटे गांव लोहारी में ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवता को फूल अर्पित कर सुख समृद्धि की कामना की. साथ ही बिस्सू मेले में पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं व पुरुषों ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी. जनजाति क्षेत्र की युद्ध कला का धनुष बाण जिसे ठोड़ा नृत्य भी कहते हैं उसका प्रदर्शन भी किया. प्रत्येक परिवार में बिस्सू पर्व पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे गए. चावल के आटे से बने पापड़, गुड़ से बनी रोटियों का सभी ग्रामीणों ने आनंद लिया.
यह भी पढें:बैसाखी मेला: गंगभेवा बावड़ी मेले का विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने रिबन काटकर शुभारंभ किया

इस अवसर पर मनाया जाता है यह पर्व:वहीं लोहारी गांव के ग्रामीण कुंवर सिंह राणा ने बताया कि वैशाख की संक्रांति के दिन यहां ग्राम लोहारी में बिस्सू मेला मनाया जाता है. इसका विशेष कारण यह है कि हमारे जो पशु पालक हैं, वह 4 महीने के लिए नीचे गर्म जगह पर चले जाते हैं. चार महीने के प्रवास के बाद अपने गांव में पशुओं को लेकर यहां पहुंच रहे हैं. इस अवसर पर इस मेले का आयोजन होता है. सभी राजी खुशी घर पहुंचकर अपने देवी-देवताओं को पुष्प अर्पित करते हैं. अपने सगे संबंधियों को बिस्सू पर्व की बधाई देते हैं, इसीलिए लोहारी गांव में मेले का आयोजन किया जाता है.

Last Updated : Apr 15, 2023, 12:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details