ऋषिकेश: आईडीपीएल फैक्ट्री ऋषिकेश की आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोगों पर बेघर होने की तलवार सिर पर लटक गई है. आईडीपीएल प्रबंधन घरों को खाली कराने के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है. यह जानकारी मिलने के बाद कॉलोनी के सैकड़ों लोग प्रबंधन के खिलाफ भड़क गए हैं. लोगों ने गोल चक्कर के पास प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने आईडीपीएल प्रबंधन और सरकार से आवासीय कॉलोनी को लीज पर देने की मांग की है.
शुक्रवार को आईडीपीएल की आवासीय कॉलोनी में रहने वाले सैकड़ों लोगों ने अपने सिर पर छत बचाने के लिए जुलूस निकाला. इस दौरान लोगों ने आईडीपीएल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन और अपना गुस्सा जाहिर किया. मामले की गंभीर को देखते हुए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी.
अपना आशियाना बचाने के लिए सड़कों पर उतरे 800 परिवार. पढ़ें- पांचवीं उत्तराखंड विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च से 31 तक चलेगा, रचा जाएगा एक नया इतिहास इस दौरान ऋषिकेश नगर निगम के पार्षद विकास तेवतिया ने कहा कि सन 1964 से लगातार उनका परिवार आईडीपीएल कॉलोनी में रह रहा है. वर्तमान समय में आईडीपीएल फैक्ट्री भी लगभग दो दशक से बंद पड़ी है, लेकिन आईडीपीएल की ओर से 50 साल बाद क्वार्टरों को खाली कराने का फरमान जारी किया जाना तर्कसंगत नहीं है.
कॉलोनी के निवासी और पार्षद विकास तेवतिया ने बताया कि आइडीपील प्रबंधन की ओर से किराया 10 गुना अधिक वसूल किया जा रहा है. कॉलोनी के निवासी शहर के मुकाबले आईडीपीएल को बिजली और पानी की दरें भी ज्यादा दे रहे हैं. उम्र के अंतिम पड़ाव में सैकड़ों बुजुर्ग भी कॉलोनी में रह रहे हैं, जो वर्तमान समय में कहां जाएंगे. इसका जवाब आईडीपीएल प्रबंधन देने को तैयार नहीं है.
लोगों ने आइडीपीएल प्रबंधन और सरकार से आवासीय कॉलोनी की लीज पर देने की मांग की है. लोगों ने उम्मीद जताई है कि उत्तराखंड में निर्वाचित नई सरकार उनकी समस्या पर जरूर ध्यान देगी. वहीं, इस मामले में IDPL के जीएम से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.